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स्वास्थ्य

सभी तालुक में होगा पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना का विस्तार

चिकित्सक बीते चार महीनों में हृदयाघात heart Attack के लक्षण वाले 245 मरीजों की जान बचाने में सफल रहे हैं। चिकित्सकों ने टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया। हृदयघात के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में यह इंजेक्शन बेहद प्रभावी है।

बैंगलोरSep 30, 2024 / 07:55 pm

Nikhil Kumar

HEART
-18 महीनों में 2300 से ज्यादा मरीजों की बची जिंदगी

पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना Puneet Rajkumar Hriday Jyoti Scheme के तहत गत 18 महीनों में 23,00 से ज्यादा मरीजों की जान बची है। इनमें से 390 मरीजों की उम्र 45 वर्ष से कम थी। कुल 2,69,091 लोग छाती में दर्द की शिकायत लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। वर्तमान में राज्य के 86 अस्पतालों में इस योजना के तहत उपचार उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह योजना बेहद सफल रही है। विभाग इस योजना को सभी तालुकों में विस्तारित करने पर काम कर रहा है।
टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन से 245 मरीजों की जान बची

इसके अलावा, चिकित्सक बीते चार महीनों में हृदयाघात heart Attack के लक्षण वाले 245 मरीजों की जान बचाने में सफल रहे हैं। चिकित्सकों ने टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया। हृदयघात के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में यह इंजेक्शन बेहद प्रभावी है। चिकित्सकों के अनुसार यह इंजेक्शन हृदयघात के लक्षणों के शुरू होने के बाद जल्द से जल्द (आमतौर पर नौ घंटे के भीतर) दिया जाता है।
निजी में 25 हजार, सरकारी में नि:शुल्क

निजी अस्पताल में एक टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की कीमत 25 हजार रुपए से अधिक है जबकि पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना के तहत यह इंजेक्शन नि:शुल्क है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद के छह महीनों तक मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी जारी रहती है। इससे मृत्य दर को कम करने में मदद मिली है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मददगार

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक का उपयोग करके, चिकित्सक यह पता लगाने में सक्षम रहे कि क्या मरीज की हालत गंभीर है और क्या उन्हें टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की आवश्यकता है या नहीं।मंत्री ने कहा कि सीने में दर्द के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति को ‘स्पोक’ केंद्रों पर जाकर तुरंत इसीजी करवाना चाहिए। एआइ तकनीक के माध्यम से, चिकित्सक चार या पांच मिनट के भीतर यह पता लगाने में सक्षम हैं कि उनकी स्थिति गंभीर है या नहीं। यदि मरीज की हालत गंभीर है, तो उसे टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन मुफ्त में दिया जाता है।

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