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Prostate Cancer और Alzheimer: क्या है इन दोनों के बीच का संबंध?

Prostate cancer and Alzheimer : एक अध्ययन के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर के लिए किया जाने वाला मानक हार्मोन थेरेपी पुरुषों में अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।

जयपुरAug 30, 2024 / 03:15 pm

Manoj Kumar

prostate cancer and Alzheimer

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हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एण्ड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी (ADT) पुरुषों में अल्जाइमर रोग (Alzheimer disease) के खतरे को बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं इस शोध के प्रमुख निष्कर्ष और इसका क्या मतलब हो सकता है।

एण्ड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी (ADT) क्या है?

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के उपचार में एण्ड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है। इस थेरेपी का मुख्य उद्देश्य शरीर में टेस्टोस्टेरोन जैसे एण्ड्रोजन हार्मोन को कम करना है, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होते हैं। टेस्टोस्टेरोन की कमी से कैंसर की वृद्धि को रोका जा सकता है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

अल्जाइमर रोग का खतरा क्यों बढ़ता है? Prostate cancer treatment risks

अमेरिका के ऑगस्टा विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज ऑफ जॉर्जिया के शोधकर्ताओं के अनुसार, ADT से एण्ड्रोजन के स्तर में कमी आती है, जो मस्तिष्क में सूजन और अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकती है। शोध में पाया गया कि ADT से गुजरने वाले जानवरों में सूजन बढ़ी और रक्त-मस्तिष्क बाधा (ब्लड-ब्रेन बैरियर) को भी नुकसान पहुँचा। यह अवरोध सामान्य स्थिति में मस्तिष्क को हानिकारक तत्वों से बचाता है, लेकिन इसकी क्षति से मस्तिष्क में सूजन और अल्जाइमर (Alzheimer) का खतरा बढ़ सकता है।

सूजन और अल्जाइमर: क्या है कनेक्शन? Inflammation and Alzheimer: What’s the Connection?

सूजन मस्तिष्क में प्रोटीन प्लाक के निर्माण को बढ़ावा दे सकती है, जो अल्जाइमर (Alzheimer) के लक्षणों को बढ़ाने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने ADT से गुजरने वाले जानवरों में प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स (सूजन बढ़ाने वाले छोटे प्रोटीन) में वृद्धि पाई, जबकि एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स में कमी देखी गई। इससे मस्तिष्क में सूजन का स्तर बढ़ जाता है, जो अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकता है।

नैटालिज़ुमैब का उपयोग: क्या मिल सकता है समाधान?

शोधकर्ताओं ने ADT और नैटालिज़ुमैब के संयोजन से इलाज किया, जो मल्टीपल स्केलेरोसिस और क्रोहन रोग के इलाज में भी उपयोग होता है। इस संयोजन ने रक्त-मस्तिष्क बाधा को मजबूत किया और मस्तिष्क में सूजन को कम किया। इससे यह संकेत मिलता है कि इस प्रकार का उपचार अल्जाइमर के खतरे को कम कर सकता है।

भविष्य की दिशा: क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

यह अध्ययन दर्शाता है कि प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के मरीजों में ADT के उपयोग के बाद अल्जाइमर के खतरे की संभावना हो सकती है। हालांकि, हर मरीज पर इसका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। इसलिए, डॉक्टरों और मरीजों को इस उपचार के संभावित दुष्प्रभावों पर विचार करना चाहिए और आवश्यकतानुसार अन्य उपायों पर भी चर्चा करनी चाहिए।
एण्ड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी (ADT) प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण उपकरण है, लेकिन इसके कुछ संभावित जोखिम भी हैं। इस नए अध्ययन ने हमें एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है कि ADT का उपयोग अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए, इस थेरेपी को लेते समय डॉक्टर से परामर्श करना और सभी संभावित जोखिमों और लाभों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

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