यूरिनेशन की समस्या ऐसे होगी दूर
कद्दू के बीजों का तेल
आप कद्दू के बीजों के तेल का सप्लिमेंट ले सकते हैं और उसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। केवल अपने डॉक्टर से सही मात्रा के बारे में जरूर पूछ लें। इससे बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस नहीं होगी और ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या से भी निजात पाई जा सकती है।
विटामिन डी
इसके लिए आपको विटामिन डी के सप्लिमेंट की जरूरत होगी। इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से भी जरूर राय लें। कई बार ओवर एक्टिव ब्लैडर और पेल्विक फ्लोर डिसऑर्डर की वजह शरीर में विटामिन डी की कमी भी होती है। सप्लिमेंट्स से इस कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके साथ धूप में बैठकर भी नेचुरल विटामिन डी पाया जा सकता है।
कद्दू के बीजों का तेल
आप कद्दू के बीजों के तेल का सप्लिमेंट ले सकते हैं और उसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। केवल अपने डॉक्टर से सही मात्रा के बारे में जरूर पूछ लें। इससे बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस नहीं होगी और ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या से भी निजात पाई जा सकती है।
विटामिन डी
इसके लिए आपको विटामिन डी के सप्लिमेंट की जरूरत होगी। इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से भी जरूर राय लें। कई बार ओवर एक्टिव ब्लैडर और पेल्विक फ्लोर डिसऑर्डर की वजह शरीर में विटामिन डी की कमी भी होती है। सप्लिमेंट्स से इस कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके साथ धूप में बैठकर भी नेचुरल विटामिन डी पाया जा सकता है।
कैप्साइसिन
कैप्साइसिन ओवर एक्टिव ब्लैडर की एक दवा है। हालांकि इसे बिना डॉक्टर के सलाह के कभी नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये शरीर के स्थिति और अन्य बीमारियों को देखते हुए डॉक्टर देता है या नहीं भी देता है। इससे ओवर एक्टिव ब्लैडर के लक्षणों में काफी जल्दी कमी देखने को मिलती है।
ग्रीन टी
रोजाना दो बार दिन में ग्रीन टी जरूर पिएं ये आपको यूरिन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेगा। इसके पीछे का कारण ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी हो सकता है।
कैप्साइसिन ओवर एक्टिव ब्लैडर की एक दवा है। हालांकि इसे बिना डॉक्टर के सलाह के कभी नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये शरीर के स्थिति और अन्य बीमारियों को देखते हुए डॉक्टर देता है या नहीं भी देता है। इससे ओवर एक्टिव ब्लैडर के लक्षणों में काफी जल्दी कमी देखने को मिलती है।
ग्रीन टी
रोजाना दो बार दिन में ग्रीन टी जरूर पिएं ये आपको यूरिन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेगा। इसके पीछे का कारण ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी हो सकता है।
बेकिंग सोडा
एक चम्मच बेकिंग सोडा और एक गिलास पानी में मिलकार कर पी लें। दिन में कम से कम दो बार ऐसा करके आप यूरिन का अल्कलाइजेशन कर सकते हैं और इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन दूर होने में मदद मिलेगी।
क्रैनबेरी जूस
क्रैनबेरी जूस रोज करीब आधा लीटर पीएं। इसे लेने से ओवर एक्टिव ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन दूर होता है।
एक चम्मच बेकिंग सोडा और एक गिलास पानी में मिलकार कर पी लें। दिन में कम से कम दो बार ऐसा करके आप यूरिन का अल्कलाइजेशन कर सकते हैं और इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन दूर होने में मदद मिलेगी।
क्रैनबेरी जूस
क्रैनबेरी जूस रोज करीब आधा लीटर पीएं। इसे लेने से ओवर एक्टिव ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन दूर होता है।
कैमोमाइल टी
एक कप पानी को उबाल लें और इसमें एक छोटी चम्मच कैमोमाइल टी मिला दें। 5 से 10 मिनट के बाद अब इस चाय को एक बर्तन में छान लें और इसे गर्मा गर्म पीएं। आप इसे रोजाना दो बार पी सकते हैं।
कैमोमाइल टी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ओवर एक्टिव ब्लैडर के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
यह इलाज ट्राई करने के साथ साथ अपनी डाइट का भी खयाल रखें। विटामिन डी, फाइबर और पोटैशियम से भरपूर चीजें खाएं। प्रोटीन से बनी चीजें भी डाइट में शामिल करें।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
एक कप पानी को उबाल लें और इसमें एक छोटी चम्मच कैमोमाइल टी मिला दें। 5 से 10 मिनट के बाद अब इस चाय को एक बर्तन में छान लें और इसे गर्मा गर्म पीएं। आप इसे रोजाना दो बार पी सकते हैं।
कैमोमाइल टी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ओवर एक्टिव ब्लैडर के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
यह इलाज ट्राई करने के साथ साथ अपनी डाइट का भी खयाल रखें। विटामिन डी, फाइबर और पोटैशियम से भरपूर चीजें खाएं। प्रोटीन से बनी चीजें भी डाइट में शामिल करें।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)