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खराब नींद से बढ़ सकता है Weight और Cholesterol

Weight and Cholesterol Risks : हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि नींद की कमी (Lack of sleep) न केवल थकान और चिड़चिड़ापन लाती है, बल्कि यह वजन बढ़ने (Weight gain) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्याओं का भी कारण बन सकती है।

जयपुरAug 25, 2024 / 12:36 pm

Manoj Kumar

Poor Sleep Could Be Fueling Your Weight Gain and Cholesterol

Poor Sleep Could Be Fueling Your Weight Gain and Cholesterol

Weight and Cholesterol Risks : हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि नींद की कमी (Lack of sleep) न केवल थकान और चिड़चिड़ापन लाती है, बल्कि यह वजन बढ़ने (Weight gain) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्याओं का भी कारण बन सकती है। ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू), अमेरिका के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन ने नींद की कमी और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गहरे प्रभावों को उजागर किया है।

नींद और शरीर के फैट का संबंध The Hidden Culprit Behind Weight and Cholesterol Issues

अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से अच्छी नींद नहीं लेते, उनमें फैटी ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर अधिक पाया गया है। यह रक्त में मौजूद एक प्रकार का कोलेस्ट्रॉल है, जो पेट की चर्बी (Belly fat) को बढ़ाता है और स्ट्रोक, हृदय रोग, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस प्रकार, नींद की गुणवत्ता केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्वस्थ नींद की आदतें कैसे बनाएं? How to create healthy sleep habits?

ओएचएसयू की पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता ब्रुक शेफर के अनुसार, “स्वस्थ नींद की आदतें अपनाना, जैसे रात में स्क्रीन टाइम कम करना और थकान महसूस होने पर बिस्तर पर जाना, स्वस्थ जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण है।” इन आदतों को अपनाकर, न केवल नींद की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है, बल्कि इससे वजन (Weight) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

पुरुषों और महिलाओं पर अलग-अलग प्रभाव

अध्ययन में तीस लोगों को शामिल किया गया था, जिनका बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 25 से अधिक था, यानी वे सभी ओवरवेट की श्रेणी में आते थे। अध्ययन के नतीजों से पता चला कि पुरुषों में नींद की कमी (Lack of sleep) के कारण फैटी ट्राइग्लिसराइड्स और पेट की चर्बी का स्तर बढ़ा हुआ था। वहीं, महिलाओं में नींद की कमी से रेस्टिंग हार्ट रेट, ग्लूकोज का स्तर और शरीर में वसा प्रतिशत भी अधिक पाया गया।

मेलाटोनिन और नींद की गुणवत्ता का महत्व

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के मेलाटोनिन (एक हार्मोन जो शरीर में अंधेरे के प्रति प्रतिक्रिया में पैदा होता है) के स्तर और औसत नींद के समय के बीच के अंतर को मापा। उन्होंने प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा—पहला समूह जो मेलाटोनिन की शुरुआत और नींद के बीच लंबे समय तक सोया, और दूसरा जो कम समय तक सोया। परिणामस्वरूप, जो लोग कम समय तक सोए, उनके स्वास्थ्य के परिणाम आमतौर पर खराब थे।
यह अध्ययन स्पष्ट रूप से बताता है कि नींद की गुणवत्ता का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अच्छी नींद न केवल शरीर को तरोताजा करती है, बल्कि यह वजन (Weight) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को नियंत्रित रखने में भी मदद करती है। इसलिए, स्वस्थ जीवन के लिए अच्छी नींद की आदतें अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
अधिक जानकारी के लिए, आप जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजों को देख सकते हैं।

(आईएएनएस)

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