स्वास्थ्य

Poison in your fruits: डीडीटी, इथरेल और जिब्रलिक का धड़ल्ले से इस्तेमाल, जानिए कैसे पहचानें और बचें

Poison in your fruits : सेहत बनाने के लिए फलों को बेहतर विकल्प माना जाता है। डॉक्टर्स और डाइटिशियन भी हमेशा ताजा फल खाने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जाने-अनजाने रोजाना 0.65 म्यू (माइक्रो) ग्राम केमिकल फलों के जरिए खा रहे हैं।

जयपुरJul 06, 2024 / 03:03 pm

Manoj Kumar

Poison in your fruits

Poison in your fruits : यह खुलासा छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र चंद्राकर की रिसर्च में हुआ है। छत्तीसगढ़ सहित देशभर में में फलों को पकाने में वे केमिकल इस्तेमाल हो रहे हैं जिन पर सरकार ने पाबंदी लगाई हुई है।
फलों को पकाने और उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए डीडीटी (DDT) , इथरेल (Ethrel) और जिब्रलिक (Gibberellic Acid) का उपयोग धड़ल्ले से जारी है। यह केमिकल इतने खतरनाक हैं कि इनसे त्वचा की गंभीर बीमारियां हो सकती है। यही नहीं, टाइप-2 डाइबिटीज, पीसीओडी का खतरा भी बढ़ सकता है। कीट वैज्ञानिक का कहना है कि हाल में विभिन्न देशों ने महाराष्ट्र के अंगूर को केमिकल की बहुत अधिक मात्रा की वजह से एक्सपोर्ट क्वालिटी में रिजेक्ट कर दिया है। यह प्रश्न महाराष्ट्र की विधानसभा में पहुंचा है। यही रिजेक्टड अंगूर और इस जैसे कई फल देश के विभिन्न राज्यों में पहुंच रहे हैं।

तीस से अधिक पेस्टिसाइड Poison in your fruits

साइंटिफिक रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में बिकने वाले सैकड़ों फलों में तीस से अधिक पेस्टीसाइड पाए गए हैं। इनमें से दो दर्जन से ज्यादा कीटनाशक बेहद खतरनाक हैं। जिन्हें कई मुल्कों में बंद कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सीमा के बाद यह पेस्टीसाइड (Pesticide) का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बड़ी बीमारियों को न्योता देने जैसा है। सेब को मंडी में लाकर कई महीनों तक कोल्ड स्टोर में रखा जाता है। इससे पहले बाकायदा इसकी वेक्सीनेशन होती है ताकि ये अधिक समय तक टिके रहे। इसी तरह अंगूर को टिकाऊ बनाए रखने के लिए डाइक्लोवास 26 ईसी नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। अंगूरों के बागानों से गुच्छे तोड़नेके बाद इन्हें केमिकल के घोल में डूबोकर निकाला जाता है।
Poison in your fruits! DDT, Ethrel and Gibberellic Acid used rampantly, consuming 0.65 micrograms of poison daily

ऐसे करें बचाव

– फलों को खाने से पहले तीन घंटे पानी में डूबाे कर रखें। इससे केमिकल का असर कम हो जाएगा।
– छिलके वालो फलों का इस्तेमाल करने से पहले उनके छिलके उतार दें।
– मौसमी फलों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
– हाईब्रीड फलों का इस्तेमाल कम से कम करें।
– पानी में नमक व बेकिंग सोडा मिलाकर फल को 15 मिनट के लिए भिगोएं, इससे केमिकल हटाने में मदद मिलेगी।
Beware! You are eating fruits ripened with toxic chemicals, know how to avoid them
Beware! You are eating fruits ripened with toxic chemicals, know how to avoid them

केमिकल युक्त फलों की पहचान

– वैक्स किए सेब को यदि गैस चूल्हे के बर्नर के करीब ले जाया जाए तो सेब तुरंत सिकुड़ना शुरू कर देता है।
– अगूर को नमक के पाने में थोड़ी देर डुबोकर रखने से अलग सा रंग छोड़ेगा, जो विभिन्न केमिकल हैं।

– यदि केले का डंठल हरा है और केले के छिलके पीले हैं तो यह पूरी तरह से केमिकल में डुबोकर निकाले हुए केले हैं। हालांकि
– मक्खियां उन फलों पर नहीं बैठती, जिन पर केमिकल प्रोसेस किया गया हो।

किस फल में मिला कितना केमिकल

– सेब- 0.6086
– आम – 0.6568
– केला – 0.2221
– अंगूर – 0.5837
– गाजर – 0.3469
(मात्रा म्यू ग्राम में। ‘म्यू’ माइक्रो शब्द को संक्षिप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला वैज्ञानिक प्रतीक है। एक माइक्रोग्राम एक मिलीग्राम का 1/1,000 हिस्सा होता है)

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