उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जोखिम The risk increases with age
शोध के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों में डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इन बीमारियों के कारण मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) में गिरावट और संज्ञानात्मक क्षमताओं में कमी हो सकती है। अनुमान है कि वर्ष 2050 तक 60 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों की संख्या विश्व भर में दोगुनी हो जाएगी और 80 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों की संख्या तिगुनी हो जाएगी। इस संदर्भ में, बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को बनाए रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।अंतर-पीढ़ी के खेल का महत्व : Mental Health Boost: Seniors Thrive Playing with Grandchildren
शोधकर्ताओं ने बच्चों और वयस्कों के लिए विशेष रूप से बनाए गए खेल के मैदानों में खेल के लाभों का अध्ययन किया। युवा बच्चे और बुजुर्ग जब एक साथ खेल में भाग लेते हैं, तो वे न केवल रचनात्मकता और मनोरंजन का आनंद लेते हैं, बल्कि उनके बीच एक मजबूत सामाजिक संबंध भी बनता है। इससे बुजुर्गों में अकेलेपन और सामाजिक अलगाव की भावनाओं में कमी आती है, जो कि अवसाद और चिंता के प्रमुख कारण हो सकते हैं।सामाजिक भेदभाव को कम करने की पहल
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर फैंके पेंग के अनुसार, “युवा और वृद्ध लोगों के बीच एक सामाजिक विभाजन है, जो सार्थक बातचीत को कठिन बना देता है।” इस सामाजिक विभाजन को समाप्त करने और बुजुर्गों की मानसिक सेहत (Mental Health) में सुधार के लिए, अंतर-पीढ़ी के खेल मैदान एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकते हैं। ऐसे स्थानों पर बुजुर्गों और बच्चों के बीच संवाद और सहभागिता को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे।बुजुर्गों के लिए साझा स्थान का निर्माण
शोधकर्ताओं द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में, 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों ने बच्चों के साथ समय बिताने के फायदों पर चर्चा की और अपने समुदाय में एक साझा स्थान की कल्पना की। इन साझा स्थानों में बुजुर्गों की पसंद के खेल और गतिविधियों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी विशेष स्थान उपलब्ध कराए जा सकते हैं।Mental Health सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
अंतर-पीढ़ी के खेल मैदान न केवल सामाजिक भेदभाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं, बल्कि वे बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा, ऐसे स्थान बुजुर्गों की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए जा सकते हैं, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि समाज में बुजुर्गों के लिए मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) सेवा और सहायक वातावरण तैयार करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकें।