सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का कहना है की जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारी मसल्स और बोन्स तेज़ी से घटने लगती है। हम सभी उम्र के साथ कमजोर होते जाते हैं हर दस साल में हम दो से चार किलो मांसपेशियों का वजन कम करते हैं। इससे हमारा इंट्रा मस्कुलर फैट बाहर निकलने लगता है और स्ट्रेंथ लॉस जल्दी होती है।
रुजुता आगे कहती हैं की ५०-६० साल की उम्र में हमारी 30 परसेंट स्ट्रेंथ कम हो जाती है। उनके मुताबिक हम अपना स्ट्रेंथ लॉस कम कर सकते हैं। ‘हम इस स्पीड को जिम में ट्रेनिंग करके और एक्सरसाइज की मदद से काबू में ला सकते है। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सबसे असरदार एक्सरसाइज है।’
रुजुता दिवेकर ने बताया की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के और भी कई फायदे है। सप्ताह में केवल एक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सेशन से ये हो सकते हैं फायदे :
• यह डायबिटीज को रोकता है। यदि आपको पहले से ही डायबिटीज है तब भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से फायदा मिल सकता है। इससे दवाइयों का डोज कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
• मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलर करता है और दर्द से भी आराम दिलाता है।
• आर्थराइटिस के दर्द और यूरिक एसिड को कम करता है।
• ब्लड प्रेशर कम करता है ।
• ब्रेन को फंक्शन करने में मदद करता है।
• वाकिंग स्पीड बढ़ता है।
• इससे डिप्रेसिंग विचार नहीं आते और नींद भी अच्छे से आती है।