मिजाज़ में बदलाव Mood changes: महिलाओं में हॉर्मोन का असंतुलन (Hormonal Imbalance) उनके मूड को भी प्रभावित करता है. अचानक गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन रहना ये सब हॉर्मोन असंतुलन के कारण हो सकते हैं.
वजन में बदलाव Change in weight:: बिना वजह वजन का तेजी से बढ़ना या घटना भी हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) का संकेत हो सकता है.
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शारीरिक बदलाव Physical changes: त्वचा में रुखापन या ज्यादा ऑयलीपन, बालों का झड़ना, सेक्स ड्राइव में कमी ये सब भी हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) के कारण हो सकते हैं.
नींद में परेशानी और थकान Trouble sleeping and fatigu: हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) की वजह से नींद न आने या जल्दी थक जाने की समस्या भी हो सकती है.
अगर आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. वो कुछ टेस्ट कर हॉर्मोन लेवल की जांच कर सकते हैं और फिर इलाज की सलाह दे सकते हैं.
न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है कि सही खानपान से हॉर्मोन को संतुलित (Hormonal balance) रखा जा सकता है. विटामिन डी Vitamin D: यह विटामिन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन जैसे हॉर्मोन को संतुलित रखने का काम करता है. इसकी कमी से गर्भधारण में दिक्कत हो सकती है.
विटामिन सी Vitamin C: यह विटामिन कोर्टिसोल और एड्रनलिन जैसे हॉर्मोन (Hormon) को नियंत्रित करता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और प्रजनन क्षमता भी ठीक रहती है.
विटामिन बी6 Vitamin B6: यह विटामिन तंत्रिका तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखता है. इससे पीरियड्स से पहले होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है.
विटामिन ई Vitamin E: यह विटामिन प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. साथ ही पीरियड्स के दर्द को भी कम करता है.
पौष्टिक आहार लेकर और जरूरी विटामिन का सेवन कर आप हॉर्मोन असंतुलन को दूर रख सकती हैं.