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एनएएफएलडी क्या है? एनएएफएलडी ((fatty liver disease) ) का मतलब है कि जीवनशैली की विभिन्न आदतों के कारण लीवर में अत्यधिक मात्रा में वसा जमा हो जाती है। यदि बीमारी को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता है, तो इससे लीवर की क्षति या लीवर सिरोसिस (यकृत में घाव और स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त) हो सकता है।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2022 तक भारत में लगभग तीन वयस्कों या बच्चों में से एक को एनएएफएलडी है। मेटाबॉलिक-एसोसिएटेड फैटी लीवर रोग ((fatty liver disease) ) (या एमएएफएलडी) के रूप में भी जाना जाता है, शिकागो, III में एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक ईएनडीओ 2023 में प्रस्तुत एक हालिया शोध के अनुसार फैटी लीवर हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और ए के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
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अध्ययन से पता चला है कि फैटी लीवर ((fatty liver disease) का प्रमुख कारण अधिक खाना है। जब लीवर सामान्य तरीके से वसा को तोड़ने में सक्षम नहीं होता है तो वह उन्हें अपने भीतर संग्रहीत कर लेता है और वसा के बढ़ने से स्थिति अस्वस्थ हो जाती है।
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विशेषज्ञ ने कहा कि स्वस्थ लीवर के लिए सब्जियों और फलों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। डॉ. भोले ने कहा, उच्च फाइबर यकृत रोग की घटनाओं को कम कर सकता है क्योंकि यह स्वस्थ आंत माइक्रोबायोटा को उत्तेजित करता है और कम कैलोरी सेवन को बढ़ावा देता है।” हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स ने एक ट्वीट में बताया कि कम कैलोरी वाले आहार पेय फलों के रस की तुलना में वजन कम कर सकते हैं। लीवर के लिए बेहतर विकल्प बिना चीनी वाली ब्लैक कॉफ़ी या चाय हैं।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।