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सर्वाइकल कैंसर का नया, सटीक और सस्ता टेस्ट, खतरे को 63% तक कम कर सकता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गर्भाशय ग्रीवा (सरवाइकल) कैंसर की जांच के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे कम और मध्यम आय वाले देशों में इस कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 63% तक कम हो सकती है।

Dec 15, 2023 / 11:26 am

Manoj Kumar

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New, accurate and affordable test for cervical cancer WHO guidelines

दुनियाभर में महिलाओं के लिए घातक सरवाइकल कैंसर की बीमारी से होने वाली मौतों को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के मुताबिक, अगर जांच के तरीकों को बदला जाए तो इन मौतों की संख्या में 63% तक की कमी आ सकती है।
पहले, इस बीमारी का पता लगाने के लिए दो मुख्य तरीके इस्तेमाल किए जाते थे:

– विनेगर टेस्ट (VIA): गर्भाशय ग्रीवा पर सिरका लगाकर जांच करना।
– पैप स्मीयर: गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का नमूना लेकर जांच करना।
लेकिन अब, WHO ने एक नए तरीके की सिफारिश की है: एचपीवी डीएनए टेस्ट। यह टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा में हाई-रिस्क वाले एचपीवी वायरस का पता लगाता है। एचपीवी वायरस ही सरवाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है।
नया तरीका पुराने तरीकों से काफी बेहतर है क्योंकि:

– अधिक सटीक: एचपीवी डीएनए टेस्ट से बीमारी का पता लगाने में कोई गलती नहीं होती, जबकि पुराने तरीकों में गलतियां हो सकती हैं।
– जल्दी पता लगाना: यह टेस्ट शुरुआती स्टेज में ही बीमारी का पता लगा सकता है, जिससे इलाज करने में आसानी होती है और मरीज बच सकती हैं।
– शोधकर्ताओं ने बताया है कि अगर इस नए तरीके को गरीब देशों में अपनाया जाए तो सरवाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में 63% से ज्यादा की कमी लाई जा सकती है। एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के लिए भी यह टेस्ट बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि उनमें सरवाइकल कैंसर होने का खतरा छह गुना ज्यादा होता है।
ये नई गाइडलाइन और जांच के तरीके भारत समेत कई गरीब देशों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आए हैं। अगर इन्हें सही तरीके से लागू किया जाए तो हजारों महिलाओं की जान बचाई जा सकती है।
क्या है नया?

– WHO ने 2021 में एक नए दिशानिर्देश में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच के लिए HPV-DNA टेस्ट को प्राथमिकता दी है।
– ये टेस्ट HPV के उच्च-जोखिम वाले स्ट्रेन की पहचान करते हैं और पहले से इस्तेमाल होने वाले तरीकों की तुलना में ज्यादा सटीक होते हैं।
– अध्ययनों से पता चला है कि हर 5 साल में HPV-DNA टेस्ट कराने से कम और मध्यम आय वाले देशों में इस कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 63-67% तक कम हो सकती है।

HIV पॉजिटिव महिलाओं के लिए क्या खास है?
– HIV संक्रमित महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा आम महिलाओं की तुलना में 6 गुना अधिक होता है।
दूसरे अध्ययन में पाया गया कि तंजानिया जैसे कम आय वाले देशों में HIV और HPV का संक्रमण एक साथ होना आम है।
– इस अध्ययन में पाया गया कि HIV पॉजिटिव महिलाओं के लिए भी HPV-DNA टेस्ट सबसे प्रभावी तरीका है और इससे कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 71% तक कम हो सकती है।


ध्यान दें: ये जानकारी केवल एक संक्षिप्त सार है और मेडिकल सलाह नहीं है। कृपया किसी भी मेडिकल समस्या के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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