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कभी 40 की उम्र के बाद आंखों का पावर बढ़ने (increase eyesight) की बात डॉक्टर किया करते थे, लेकिन अब छोटी सी उम्र में ही चश्मा लगाए बच्चे नजर आने लगे हैं। खान-पान में जरूरी विटामिन्स और मिनिरल्स का अभाव ही नहीं, लगातार स्क्रीन पर आंख गड़ाएं रखने के कारण भी आंखों का पावर बढ़ने लगा है। लेकिन थोड़ी सी सूझबूझ और खानपान पर ध्यान देकर आप आंखों पर लगे चश्मे को भी उतार सकते हैं। बस रोज की डाइट में आपको कुछ खास चीजों को दवा मानकर शामिल करना होगा।Green Apple Benefits: सेहत के लिए चमत्कारी है हरा सेब, आंखों की रोशनी बढ़ाने और टाइप-2 डायबिटीज में फायदेमंद
इन चीजों में छुपा है आपकी स्वस्थ आंखों का राज
आंखों के लिए सबसे जरूरी विटामिन है -ए। इसकी कमी से आंखों की रौशनी जाने लगती है। आंखों की प्रकाश-संवेदी कोशिकाओं यानी फोटोरिसेप्टर को हेल्दी रखने में विटामिन ए ही जिम्मेदार होता है। रतौंधी, आंखों में सूखापन या तमाम अन्य आंख की बीमारी विटामिन ए की कमी के कारण ही होता है। इसलिए अपनी डाइट में डेयरी उत्पादों के साथ गाजर का सेवन जरूर करें। ओमेगा -3 फैटी एसिड आंखों के लिए एक वरदान है। ये आपकी आंखों से चढ़ा चश्मा तक उतार सकता है, अगर इसे आप अपनी डाइट का हिस्सा बना लें तो। नट्स, सीड्स को ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके सप्लीमेंट जरूर खाएं। ये बच्चों को भी खिलाए जा सकते हैं।
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आंखों के लिए भी विटामिन सी बहुत जरूरी है। कई रिसर्च से पता चलता है कि मोतियाबिंद वाले लोगों में एंटीऑक्सीडेंट की कमी के चलते ही उन्हें ये समस्या होती है। जो लोग विटामिन-सी की खुराक लेते हैं उन्हें मोतियाबिंद होने की आशंका कम होती है। शिमला मिर्च, खट्टे फल, अमरूद, नींबू, संतरे और ब्रोकली सहित कई फल और सब्जियों में विटामिन-सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
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स्क्रीन पर काम करते हुए बीच-बीच में अपनी पलकों को झपकाने के लिए समय निकालें। ये आंख की सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है। आंखों की ड्राइनेस, आंखों से निकलने वाला पानी या चुभन आदि के लिए ही नहीं, आंखों को स्वस्थ बनाने के लिए भी पलकों को झपकाना बेहद जरूरी है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।