अपने आहार में मिलेट्स (छोटे और मोटे दाने) को शामिल करके कई तरह के स्वास्थ्य लाभ लिए जा सकते हैं।
ज्वार
बाजरा
रागी
कुटकी
कोद्रव या कोदो
बार्नयार्ड मिलेट (सांवा और सामा)
फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी)
प्रोसो मिलेट (चेना बाजरा)
हम जो भी कुछ खाते हैं, उसकी पौष्टिकता देखी जा सकती है। हालांकि हम जानते हैं कि यह शारीरिक गतिविधि के स्तर, जीवनशैली और रोगों की प्रोफाइल पर निर्भर करती है, इन पहलुओं से निपटना होगा।
माथुर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख, खाद्य और पोषण विभाग, लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ
मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इन्हें आहार में शामिल करके कई तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट की पूर्ति भी की जा सकती है। इसलिए अलग-अलग व्यजंनों को रूप में इन्हें डाइट में शामिल किया जा सकता है। जानते हैं स्वास्थ्य लाभ-
मोटापा जैसे समस्या को दूर किया जा सकता है।
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
कब्ज की समस्या नहीं होगी।
इनसे एंटीऑक्सीडेंटस भी मिलेंगे।
पोषण और कृषि को जोडऩे के 3 प्रयास
1. अपने आहार में बाजरा व अन्य मिलेट्स शामिल करें।
2. ताजा, मौसमी उपज खरीदने के लिए अपने क्षेत्र में स्थानीय कृषि समूहों या सहकारी समितियों से जुड़ें।
3. पोषण उद्यान शुरू करने के लिए अपने स्कूलों/अपने बच्चे के स्कूल को प्रोत्साहित करें।
जैविक खाद्य पदार्थ वे हैं, जो समग्र कृषि पद्धतियों से उत्पादित किए जाते हैं। यह खेती पूरी तरह से रसायनमुक्त होती है और इसमें जैव विविधता पर ध्यान दिया जाता है। जैविक खाद्य पदार्थों का प्रमाणन विभिन्न प्रमाणन निकाय करते हैं।
सिक्किम को भारत का पहला पूर्ण जैविक राज्य घोषित किया गया है। इसकी समस्त कृषि योग्य भूमि को जैविक कृषि प्रमाणीकरण मिल चुका है।
मध्य प्रदेश में जैविक खेती के तहत कृषि भूमि का सबसे बड़ा रकबा है, इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र का स्थान आता है। इन तीन राज्यों का कुल जैविक कृषि का क्षेत्रफल भारत के कुल जैविक कृषि क्षेत्रफल का लगभग आधा है।