केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला First case of mpox in Kerala
व्यक्ति ने सोमवार को मलप्पुरम के मंजीरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल होने के बाद मंकीपॉक्स (Mpox) के लक्षण दिखाए। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को पुष्टि की कि मरीज के सैंपल को कोझीकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया था।स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश
वीना जॉर्ज ने बताया कि विदेश से लौटने वाले किसी भी व्यक्ति को मंकीपॉक्स (Mpox) के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सभी लोग जो विदेश से लौटे हैं, अगर उन्हें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो वे उपचार प्राप्त करें। यह भी पढ़ें-Mpox से जुड़े इन सवालों के जवाब जरूर जान लें, बचाव के लिए हैं जरूरी
केरल में तैयारी: आइसोलेशन वार्ड का प्रबंध
केरल में संभावित मामलों की तैयारी के लिए 14 अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं, जिनमें विभिन्न मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। मरीज ने घर लौटने के बाद स्व-आइसोलेशन का विकल्प चुना और दूसरों से संपर्क सीमित रखा ताकि वायरस का फैलाव रोका जा सके।भारत में मंकीपॉक्स की स्थिति Mpox status in India
यह मामला दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पिछले सप्ताह एक अन्य संदिग्ध मंकीपॉक्स (Mpox) केस के सामने आने के बाद सामने आया है। हिसार, हरियाणा का 26 वर्षीय व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे एक अलग मामला बताया और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी से जोड़ा नहीं। यह भी पढ़ें-Unsafe Sex और Mpox : 15-18 साल के युवाओं पर मंडराया खतरा
WHO द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा
पिछले महीने, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्सको ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न’ घोषित किया था, जो कि वायरस की अफ्रीका के कुछ हिस्सों में फैले जाने के कारण किया गया था। यह एक गंभीर चेतावनी है और विश्व स्तर पर इसके फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाता है। यह हालिया मामला इस बात की पुष्टि करता है कि मंकीपॉक्स की निगरानी और तैयारी की आवश्यकता लगातार बनी हुई है।