कैसे फैलता है एमपॉक्स? Mpox Virus Alert
एमपॉक्स वायरस (Mpox Virus) मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस छूने, यौन संबंध बनाने, और नजदीकी संपर्क में रहने से आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित हो सकता है। इसके अलावा, यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गये किसी वस्तु या सतह को छू ले, तो वह भी इस वायरस की चपेट में आ सकता है।
गर्भावस्था में एमपॉक्स का खतरा Danger of Mpox in Pregnancy
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान अगर मां एमपॉक्स वायरस (Mpox Virus) से संक्रमित हो जाती है, तो इसका असर गर्भस्थ शिशु पर भी हो सकता है। यह संक्रमण भ्रूण तक फैल सकता है, जिससे शिशु के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। जन्म के समय या जन्म के बाद त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से शिशु भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है।
शुक्राणु और योनी के फ्लुइड से संक्रमण का खतरा
कुछ रिपोर्टों में पाया गया है कि जिन व्यक्तियों में एमपॉक्स वायरस (Mpox Virus) के लक्षण नहीं होते, वे भी संक्रमण फैला सकते हैं। हालांकि, इस पर अभी और अध्ययन की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि संक्रमित व्यक्तियों के शुक्राणुओं में एमपॉक्स के जिंदा वायरस मिले हैं। हालांकि, शुक्राणु, योनी के फ्लुइड या मां के दूध से संक्रमण फैलने का खतरा कितना होता है, यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
Mpox के उपचार में समय
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एमपॉक्स से ठीक होने में दो से चार सप्ताह का समय लग सकता है। जब तक फफोले पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते और फफोलों वाली त्वचा की जगह नई त्वचा नहीं आ जाती, तब तक व्यक्ति को संक्रमण मुक्त नहीं माना जा सकता। इसलिए, ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
Mpox: एक वैश्विक आपात स्थिति
14 अगस्त को, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स महामारी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया। इस साल, दुनिया भर में एमपॉक्स के 15,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। एमपॉक्स की रोकथाम और इसके प्रभावों को कम करने के लिए जागरूकता और सावधानी अत्यंत आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को विशेष सुरक्षा और ध्यान की जरूरत है ताकि इस खतरनाक वायरस से उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।