स्वास्थ्य

Superbugs : 2050 तक करोड़ों मौतों की भविष्यवाणी, जानिए क्या है ये नई बला

Superbugs on the Rampage : लांसेट द्वारा किए गए एक नए अध्ययन ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) के बढ़ते संकट की गंभीरता को उजागर किया है। इस अध्ययन के अनुसार, 2050 तक एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण मौतों की संख्या में लगभग 70% की वृद्धि हो सकती है। अध्ययन में बताया गया है कि 2025 से 2050 के बीच, 39 मिलियन से अधिक लोग एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण अपनी जान गंवा सकते हैं।

जयपुरSep 17, 2024 / 05:14 pm

Manoj Kumar

Superbugs on the Rampage Millions of Deaths Predicted by 2050 Antibiotic Resistance Crisis

Superbugs on the Rampage : लांसेट द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 2050 तक लगभग 70% तक बढ़ जाएगी। इस अध्ययन में कहा गया है कि इस ट्रेंड से सुपरबग्स (Superbugs) की संकट की गंभीरता का संकेत मिलता है। सुपरबग्स वे सूक्ष्मजीव होते हैं, जिनमें बैक्टीरिया, फंगी, वायरस और परजीवी शामिल हैं, जो एंटीमाइक्रोबियल इलाज से प्रतिरोधक हो जाते हैं, जिससे संक्रमण का इलाज मुश्किल हो जाता है।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध: क्या है यह? Superbugs :Antibiotic resistance: what is it?

एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) तब होता है जब रोगजनक जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या परजीवी उन दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं, जिन्हें उन्हें मारने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, AMR “एक प्रमुख वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य और विकास खतरा” है। इसका मुख्य कारण एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित और अत्यधिक उपयोग है, जो रोगजनकों को प्रतिरोधी बनाने में सहायक साबित हुआ है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. क्रिस मरे, जो वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान के निदेशक हैं, ने कहा कि नया अध्ययन यह दर्शाता है कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) की समस्या और भी गंभीर होने की संभावना है। शोधकर्ताओं ने 204 देशों के 520 मिलियन रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और पाया कि AMR के कारण मौतों की संख्या 2025 से 2050 के बीच 39 मिलियन तक पहुंच सकती है।

वृद्ध लोगों पर अधिक असर

अध्ययन में देखा गया कि 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में AMR से होने वाली मौतें 50% से अधिक कम हो गई हैं, जो कि बेहतर टीकाकरण, स्वच्छता और उपचार कार्यक्रमों के कारण है। हालांकि, 70 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में मौतें 80% से अधिक बढ़ गई हैं, और यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि बुजुर्ग लोग गंभीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र

सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका और उप-सहारा अफ्रीका शामिल हैं, जहां गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच अभी भी सीमित है। अध्ययन के अनुसार, बिना महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुधारों और नए एंटीबायोटिक्स के, वैश्विक AMR से संबंधित मौतों की संख्या 2050 तक 1.9 मिलियन तक पहुंच सकती है।

भारत में एंटीबायोटिक उपयोग के लिए दिशानिर्देश

भारत में एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) की चुनौती से निपटने के लिए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश में एंटीबायोटिक्स के उपयोग के लिए पहली बार व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने की दिशा में काम किया है। इस प्रयास में अनुसंधानकर्ताओं से अभिरुचि (EoI) आमंत्रित की गई है, जो एंटीबायोटिक उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर साक्षात्कार, समीक्षाएं और विश्लेषण तैयार करेंगे।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) की बढ़ती समस्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का संकेत है। इस पर काबू पाने के लिए नई दवाओं के विकास और एंटीबायोटिक उपयोग के जिम्मेदार तरीकों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। केवल समय पर और प्रभावी उपायों के माध्यम से ही इस संकट का समाधान संभव है।

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