स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक्स का प्रभाव: वैज्ञानिकों की चिंता Microplastics Found in Human Brain
हालांकि माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) के स्वास्थ्य पर प्रभावों को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन कुछ अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि इन कणों की उच्च मात्रा शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव (ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस) बढ़ा सकती है, जो कोशिका क्षति और हृदय रोगों का कारण बन सकता है। एक हालिया अध्ययन, जो नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ में प्रकाशित हुआ और वर्तमान में सहकर्मी समीक्षा (पीयर रिव्यू) प्रक्रिया में है, ने मानव मस्तिष्क के ऊतकों में माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) की उपस्थिति को उजागर किया है। अध्ययन के अनुसार, मस्तिष्क के 91 नमूनों में से 24 नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए, जो वजन में 0.5% प्लास्टिक के बराबर थे।
मस्तिष्क में माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति: नए खतरे की ओर संकेत?
शोधकर्ताओं के अनुसार, मस्तिष्क उन ऊतकों में से एक है जो माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) से सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। उन्होंने पाया कि मस्तिष्क के नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स की मात्रा यकृत और गुर्दे की तुलना में 30 गुना अधिक थी। इस अध्ययन में पाए गए माइक्रोप्लास्टिक्स मुख्यतः पॉलीएथिलीन से बने थे, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उत्पादित प्लास्टिक है और बोतल कैप्स और प्लास्टिक बैग जैसे रोजमर्रा की वस्तुओं में व्यापक रूप से उपयोग होता है।
क्या हमें चिंता करनी चाहिए?
वैज्ञानिकों के पास अभी तक इस सवाल का स्पष्ट उत्तर नहीं है। मस्तिष्क में माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) की इतनी बड़ी मात्रा के साथ, शोधकर्ता अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि यह हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है। प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों से संकेत मिलता है कि माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) मस्तिष्क में सूजन, कोशिका क्षति, जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन और मस्तिष्क संरचना में बदलाव कर सकते हैं। लेकिन विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि माइक्रो और नैनोप्लास्टिक्स के स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
भविष्य में क्या करें?
माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) के संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि हम प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और अधिक सतर्कता बरतें। प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और स्वस्थ जीवन के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होगी। इसलिए, जब तक और शोध नहीं होता, तब तक सावधानी बरतना ही बेहतर है। हमारे पास अपने पर्यावरण और अपने शरीर की सुरक्षा के लिए अभी भी समय है, और हमें इसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।