COVID-19 पर ICMR का नया खुलासा, एंटीबॉडी खत्म होते ही हो सकता है कोरोना
वायरस से लड़ने मदद करती है एंटीबॉडी-
यूरोपीय जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी में एक शोध प्रकाशित हुआ है। शोध के नतीजे में यह बताया गया है कि एंटीबॉडी के स्तर के मामले में उम्र महत्वपूर्ण कारक नहीं है, लेकिन रोग की गंभीरता है। पुर्तगाल में मेडिसिना मॉलीक्यूलर आणविक जोआओ लोब एंट्यून्स के लेखक मार्क वल्डोवेन ने कहा, “मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली सार्स-कोव-2 को हानिकारक वायरस के तौर पर पहचानती है और फिर इसके जवाब में एंटीबॉडी का उत्पादन करती है, जो वायरस से लड़ने में मदद करती है।”
कोविड के माइल्ड मरीजों में एंटीबॉडी, गंभीर मरीजों से ज्यादा
300 से अधिक मरीजों पर हुआ शोध-
इस अनुसंधान टीम ने कोविड -19 अस्पताल के 300 से अधिक रोगियों और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं के एंटीबॉडी स्तर और 200 से अधिक कोविड -19 से उबर चुके स्वयंसेवकों की निगरानी की थी।
पुरुषों में एंडीबॉडी का स्तर अधिक मिला-
पिछले 6 महीने के दौरान किए गए अध्ययन में कोविड -19 लक्षण आने के बाद के शुरूआती 3 हफ्तों के भीतर एंटीबॉडी के स्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिली लेकिन बाद में उम्मीद के मुताबिक इसमें कमी आई। “इस प्रारंभिक चरण में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं, लेकिन कुछ महीनों के बाद महिला, पुरुष दोनों में एंटीबॉडी का स्तर समान मिला।”