scriptमहतारी एक्सप्रेस से इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के पद खत्म, गंभीर मरीजों को हो रही परेशानी | महतारी एक्सप्रेस अब सिर्फ घर से अस्पताल ले जाने वाला वाहन बन गया है | Patrika News
बालोद

महतारी एक्सप्रेस से इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के पद खत्म, गंभीर मरीजों को हो रही परेशानी

बालोद जिले में संचालित हो रहे 102 महतारी एक्सप्रेस से इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के पद को खत्म कर दिया गया है। इससे गंभीर मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। यह सुविधा समाप्त होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और महतारी एक्सप्रेस का ठेका लेने वाली कंपनी के अधिकारी दोनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं।

बालोदSep 21, 2024 / 11:30 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिले में संचालित हो रहे 102 महतारी एक्सप्रेस से इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के पद को खत्म कर दिया गया है। इससे गंभीर मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। यह सुविधा समाप्त होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और महतारी एक्सप्रेस का ठेका लेने वाली कंपनी के अधिकारी दोनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं।
Health Department बालोद जिले में संचालित हो रहे 102 महतारी एक्सप्रेस से इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के पद को खत्म कर दिया गया है। इससे गंभीर मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। यह सुविधा समाप्त होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और महतारी एक्सप्रेस का ठेका लेने वाली कंपनी के अधिकारी दोनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं। कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा में ज्यादा परेशानी होने पर उनका इलाज महतारी 102 में करने वाला कोई नहीं रहता। कहा जाए कि अब सिर्फ महतारी 102 गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाने वाला वाहन बन गया है।

जब से नया टेंडर लगा है तब से यही स्थिति

गर्भवती माताओं को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस शुरू की गई है ताकि गर्भवती माताओं को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। जिले में करीब 11 महतारी एक्सप्रेस चल रही हैं। पुराने 102 टेंडर में एम्बुलेंस में पायलट के साथ एक ईएमटी भी साथ में रहता था। लेकिन जब से नया टेंडर जारी हुआ है तब से महतारी 102 में सिर्फ पायलट यानी वाहन चालक ही रहता है। ईएमटी की कोई भर्ती ही नहीं की गई है। ऐसे में अब लगातार परेशानी बढ़ रही है। अब महतारी एक्सप्रेस मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर रही है।
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ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को ज्यादा दिक्कत

लंबे समय से जिले में चल रहे महतारी एक्सप्रेस वाहन की जानकारी सभी को है, जिससे दूर-दराज ग्रामीण अंचलों के लोग वाहन के लिए फोन तो करते हैं, लेकिन जब तक वाहन पहुंचता है। तब तक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे में चालक द्वारा उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है लेकिन कई बार मरीज की स्थिति गंभीर होने पर समस्या होने लगती है। ऐसे में अब वाहन के पायलट भी परेशान होने लगे हैं। वहीं कई महिलाए व मितानिनों ने भी ईएमटी की भर्ती करने की मांग की।

कई बार वाहन में ही हो जाती है डिलीवरी

दूर-दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से गर्भवती माताओं को अस्पताल लाते समय कई बार रास्ते में लेबर पेन होने लगता है। इससे ईएमटी होने पर उनके द्वारा वाहन में ही सुरक्षित प्रसव कराया जाता है, लेकिन अब ईएमटी नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति में मरीजों को सहयोग नहीं हो पा रहा है।
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स्वास्थ्य सुविधा भी बदहाल

देखा जाए तो जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं भी भगवान भरोसे है। क्योंकि गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचते ही प्राथमिक उपचार के बाद रेफर करने की नौबत आ जाती है। इसमें कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज दम तोड़ देते हैं। ऐसे में इस महतारी एक्सप्रेस में ईएमटी के नहीं होने पर रास्ते में दिक्कत होती है तो उसे संभालना मुश्किल होगा।

ईएमटी का कोई प्रावधान नहीं

महतारी 102 बालोद के डीएम ओमप्रकाश लोधी ने कहा कि महतारी 102 का नया टेंडर खुला है तब से सिर्फ एंबुलेंस में पायलट ही है। ईएमटी का कोई प्रावधान नहीं है, जो आदेश है, उसी के अनुसार कार्य किया जा रहा है। रही बात गंभीर केस की तो पहले केस देखते हैं, गंभीर है तो मितानिनों को बुलाकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाते हैं।

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