लिवर की सबसे बड़ी बीमारी है लिवर का फैटी होना। इसमें लिवर सिकुड़ जाता है और वह अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। पीलिया, लिवर में सूजन, लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस,लिवर फाइब्रोसिस, जैसी कई बीमारियां लिवर की खराबी के कारण होती हैं। इन सारी ही बीमारियों में कुछ प्रतिबंधित फूड्स होते हैं। लिवर की गंभीर बीमारी में इन प्रतिबंधित चीजों को खाने का मतलब होता है अचानक से लिवर का डैमेज हो जाना।
Restricted Diet in Liver Disease-लिवर की बीमारी में प्रतिबंधित खानपान फैटी लिवर ही नहीं, लिवर से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या में नीचे दी गई लिस्ट में से एक भी फूड भूलकर भी न खाएं। साथ ही अगर आप किसी समस्या से ग्रस्त नहीं भी हैं तो लिवर को हेल्दी रखने के लिए इन चीजों से दूर रहे।
अल्कोहल- एनर्जी ड्रिंक- सोडा: लिवर का सबसे बड़ा दुश्मन शराब है। इसके अलावा सोडा, एनर्जी ड्रिंक भी लिवर की समस्या में नहीं लेने चाहिए। फैटी लिवर और लिवर डैमेज की वजह शराब बनता है। अल्कोहल लिवर के काम करने की क्षमता को धीरे-धीरे कम करते हुए है डैमेज के कागार पर ले आता है।
एडेड शुगर: फैटी लिवर के मरीज को मीठी चीजों से बचाना चाहिए। ऑर्टिफिशयल शुगर भी लिवर को खराब करने का काम करता है। नमक: अगर लिवर सिरोसिस या लिवर फैटी है तो नमक कम कर देना चाहिए। नमक से लिवर की समस्या और बढ़ने लगती है। पेट में सूजन इससे बढ़ जाता है।
व्हाइट ब्रेड: व्हाइट ब्रेड की गिनती हाई ग्लाइसेमिक फूड्स में की जाती है, जो शरीर में ग्लूकोज का लेवल जल्दी बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इससे फैटी लिवर से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
फ्राइड फूड: फैटी लिवर के मरीजों को सबसे पहले तले हुए भोजन से परहेज करना चाहिए। तले हुए भोजन में वसा भरपूर मात्रा में पाई जाती है, जो फैटी लिवर वालों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं। समोसे, ब्रेड पकौड़े, फ्रेंज फ्राइज, चिली पोटेटो,और स्प्रिंग रोल आदि में सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है, जो आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
चावल: चावल का उपयोग भी फैटी लिवर वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कारण यह है कि चावल भी एक हाई ग्लाइसेमिक फूड है और यह रक्त शर्करा को बढ़ाकर फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकता है।
रेड मीट: संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार द्वारा संचालित, यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक रेड मीट में फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है और लिवर में फैटी एसिड का जमाव नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।