स्वास्थ्य

मैदा और गेहूं का सेवन छोड़कर अपनाएं यह तरीके और देखें चौंकाने वाले परिणाम

Leaving flour and wheat and see shocking results:मैदा का सेवन करने से शरीर को सिर्फ कैलोरी की ही प्राप्ती होती है। मैदे में पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है। अगर आप गेहूं और मैदे से बनी चजों को त्याग देते हैं। तो आपको बहुत जल्द ही चौका देने वाले बदलाव देखने को मिलेंगे।

Aug 13, 2023 / 03:57 pm

Anjali pratap singh

Leaving flour and wheat and see shocking results

Leaving flour and wheat and see shocking results:मैदा और गेहूं का सेवन छोड़कर अपनाएं यह तरीके और देखें चौंकाने वाले परिणाम
मैदा का सेवन करने से शरीर को सिर्फ कैलोरी की ही प्राप्ती होती है। मैदे में पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है। अगर आप गेहूं और मैदे से बनी चजों को त्याग देते हैं। तो आपको बहुत जल्द ही चौका देने वाले बदलाव देखने को मिलेंगे।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें की मैदा गेहूं के आटे से ही बनता है। मैदे को गेहूं के आटे से बनाना एक रिफाइन प्रोसेस है। हाल ही के दिनों में इंडिया में गेहूं के मुकाबले मैदे का प्रयोग काफी ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है। मैदे से सिर्फ शरीर को कैलोरी की प्राप्ती होती है। और कैलोरी आपका वजन बढ़ाने में बेहद मुख्य भूमिका निभाती है । इसीलिए आज कल डॉक्टर भी मैदा न खाने की सल्हा देते हैं। बहुत लंबे समय पहले जब गेहूं नहीं उगाया जाता था । तब लोग ज्वार , बाजरे और जौ का सेवन किया करते थे। गेहूं और मैदा खाने से शरीर को बहुत नुक्सान पहुंचता है। जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते ।
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जानिए गेहूं और मैदा न खाने से क्या क्या समस्याए होंगी दूर :
आपको बता दें कि रिफाइंड आटे में बहुत से पोशाक तत्वों की कमी होती है। जिसकी कारण इस आटे को डाइजेस्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है। गेहूं से बनी हुई रोटियों और दूसरी चीजों को खाने के कारण लोगों को अक्सर अफरा , गैस और कब्ज जैसी स्मस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर के मुताबिक भी लोगों का वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ही गेहूं है। इसके साथ ही गेहूं खाने से लोगों को ग्लूटेन सेंसिटिविटी जैसी बीमारियां हो जाती हैं। आप साबुत बादाम का आटा , गेहूं का आटा , बाजरे का आटा और नारियल का आटा। इन चारों को मिक्स करके करके खा सकते हैं। इससे हमें सारे जरुरी न्यूट्रिएंट्स, फाइबर और प्रोटीन भी मिलते हैं ।
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सुगर लेवल को कंट्रोल में करता है:
गेहूं में सबसे अधिक मात्रा में ग्लूकोस होता है। गेहूं खाने वालों के मुकाबले जो लोग नहीं खाते उनका ब्लड सुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
लिवर और किडनी से संबंधित रोगों लिए गेहूं है घातक:

अगर आप गेहूं का सेवन करना बंद कर देते हैं। तो आपके शरीर में सबसे पहले आपका वजन कम होगा और बता दें की गेहूं न खाने से एक मात्रा आपका वजन ही है जिस पर सबसे पहले प्रभाव पड़ेगा।
सिलिएक नामक बीमारी में मरीज गेहूं को पचा नहीं पता और इसलिए उन लोगों को गेहूं से परहेज करने की सल्हा दी जाती है । डेली मैदा और गेहूं खाने से लिवर और किडनी की बीमारी होना निश्चित है। मैदा और गेहूं खाने से बॉडी में इंसुलिन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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