खाने का पाचन और अवशोषण प्रमुख रूप से आंतों में ही होता है। खानपान की गलत आदतें, शारीरिक निष्क्रियता, देर रात तक जागना और तनावग्रस्त जीवन आंतों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। तो चलिए आज जाने की आंतें खराब होने के पीछे क्या कारण होते हैं और इससे क्या-क्या समसयाएं होती हैं। साथ ही आंतों को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए।
ये हैं आंतें खराब होने के कारण-Causes of intestine malfunction
आंतों की समस्या की एक वजह नहीं होती, कई कारणों से आंतें सही तरीके से काम नहीं करती और गंभीर बीमारी का कारण बनती हैं।
आंतों की समस्या की एक वजह नहीं होती, कई कारणों से आंतें सही तरीके से काम नहीं करती और गंभीर बीमारी का कारण बनती हैं।
असंतुलित भोजन-Unbalanced food
खानपान में अगर संतुलन न हो तो आंतें खराब होती है। जैसे बहुत ज्यादा रिफाइड चीजें खाना जैसे कार्बोहाइड्रेट, शुगरबया फैट अधिक मात्रा में लेना आंत को खराब करता है। आंत को अगर फाइबर युक्त खाना या पानी कम मिले तो वह सही तरीके से काम नहीं कर पाती।
खानपान में अगर संतुलन न हो तो आंतें खराब होती है। जैसे बहुत ज्यादा रिफाइड चीजें खाना जैसे कार्बोहाइड्रेट, शुगरबया फैट अधिक मात्रा में लेना आंत को खराब करता है। आंत को अगर फाइबर युक्त खाना या पानी कम मिले तो वह सही तरीके से काम नहीं कर पाती।
ओवरईटिंग-Overeating
अगर ओवरईटिंग की आदत लंबे समय तक रहे तो भी आंत खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं। इससे खाई हुए फूड सही तरीके से आंत तोड़ नहीं पाता और पाचन समसरूा होने लगती है।
अगर ओवरईटिंग की आदत लंबे समय तक रहे तो भी आंत खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं। इससे खाई हुए फूड सही तरीके से आंत तोड़ नहीं पाता और पाचन समसरूा होने लगती है।
पानी कम पीना- Drink less water
केवल स्किन या प्यार बुझाने के लिए ही पानी जरूरी नहीं होता, बल्कि पानी आंतों को सही तरीके से काम करने के लिए भी जरूरी होता है। पानी की कमी से आंत पोषक तत्वों के अवशोषण नहीं कर पाता और न ही गंदगी को बाहर निकाल पाता है
केवल स्किन या प्यार बुझाने के लिए ही पानी जरूरी नहीं होता, बल्कि पानी आंतों को सही तरीके से काम करने के लिए भी जरूरी होता है। पानी की कमी से आंत पोषक तत्वों के अवशोषण नहीं कर पाता और न ही गंदगी को बाहर निकाल पाता है
समय पर खाने की आदत न होना-Non regular meals
आंतों के लिए केवल यही जरूरी नहीं है कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि सही समय पर खाते हैं या नहीं, यह भी मायने रखता है। खाने का समय हमेशा एक रखने की आदत डालनी चाहिए इससे आंत सही तरीके से काम करता है।
आंतों के लिए केवल यही जरूरी नहीं है कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि सही समय पर खाते हैं या नहीं, यह भी मायने रखता है। खाने का समय हमेशा एक रखने की आदत डालनी चाहिए इससे आंत सही तरीके से काम करता है।
कैंडिडा फंगस-Candida fungus
पेट में मौजूद कैंडिडा फंगस कई बार आतों में चला जाता है और ये आंत के लिए बड़ी समस्या यानी कोलाइटिस का कारण बनात है। इस बीमारी में सामान्य खाना पचा पाना भी मुश्किल होता है। ये एक गंभीर बीमारी होती है।
पेट में मौजूद कैंडिडा फंगस कई बार आतों में चला जाता है और ये आंत के लिए बड़ी समस्या यानी कोलाइटिस का कारण बनात है। इस बीमारी में सामान्य खाना पचा पाना भी मुश्किल होता है। ये एक गंभीर बीमारी होती है।
शारीरिक सक्रियता की कमी (Lack of physical activity)
शारीरिक रूप से कम सक्रिय लोगों की आंतें भी जल्दी खराब होती हैं। आंतों की खराबी से होने वाली समस्याएं-Health problem caused by intestines malfunction
आंतों के खराब होने से एक नहीं, कई तरह की गंभीर बीमारी का खतरा होता है। ये सारी ही बीमारियां पाचन तंत्र को सबसे ज्यादा इफेक्ट करती हैं।
शारीरिक रूप से कम सक्रिय लोगों की आंतें भी जल्दी खराब होती हैं। आंतों की खराबी से होने वाली समस्याएं-Health problem caused by intestines malfunction
आंतों के खराब होने से एक नहीं, कई तरह की गंभीर बीमारी का खतरा होता है। ये सारी ही बीमारियां पाचन तंत्र को सबसे ज्यादा इफेक्ट करती हैं।
इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome)
इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम में बड़ी आंत प्रभावित होती है। छोटी आंत की मांसपेशियां भोजन को बड़ी आंत में पहुंचाती हैं। सामान्यता ये एक रिदम में सिकुड़ती और फैलती हैं, इस रिदम के गड़बड़ाने को इरिटेबल बॉउल डिसआर्डर कहते हैं
इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम में बड़ी आंत प्रभावित होती है। छोटी आंत की मांसपेशियां भोजन को बड़ी आंत में पहुंचाती हैं। सामान्यता ये एक रिदम में सिकुड़ती और फैलती हैं, इस रिदम के गड़बड़ाने को इरिटेबल बॉउल डिसआर्डर कहते हैं
कोलाइटिस (Colitis)
कोलाइटिस में बड़ी या छोटी आंत में छाले पड़ जाते हैं और कुछ भी खाने पर जलन होती है। इस जलन को शांत करने के लिए बार-बार ठंडा पानी पीना पड़ता है। कभी-कभी कोलाइटिस के कारण बड़ी आंत में सूजन भी आ जाती है।
कोलाइटिस में बड़ी या छोटी आंत में छाले पड़ जाते हैं और कुछ भी खाने पर जलन होती है। इस जलन को शांत करने के लिए बार-बार ठंडा पानी पीना पड़ता है। कभी-कभी कोलाइटिस के कारण बड़ी आंत में सूजन भी आ जाती है।
ड्यूडिनल पेप्टिक अल्सर (Deodenal peptic ulcer)
ड्यूडिनल अल्सर छोटी आंत के ऊपरी हिस्से (ड्यूडनम) में होता है। ये छोटी आंत का सबसे पहला भाग है। हम जो भी खाते हैं उसका सबसे अधिक पाचन यही होता है। अत्यधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन खाने से ड्यूडनम में पित्त की मात्रा बढ़ जाती हैं, जिससे अंदरूनी परत जल जाती है और इसमें अल्सर विकसित होने लगता है।
ड्यूडिनल अल्सर छोटी आंत के ऊपरी हिस्से (ड्यूडनम) में होता है। ये छोटी आंत का सबसे पहला भाग है। हम जो भी खाते हैं उसका सबसे अधिक पाचन यही होता है। अत्यधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन खाने से ड्यूडनम में पित्त की मात्रा बढ़ जाती हैं, जिससे अंदरूनी परत जल जाती है और इसमें अल्सर विकसित होने लगता है।
कोलन कैंसर (Colon cancer)
जब बड़ी आंत की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित और विभाजित होकर ट्युमर बना लेती हैं तो इसे कोलन कैंसर कहते हैं। (When the cells fo the large intestine grow uncontrollably and form tumors, it is calls colon cancer) कम फाइबर, वसायुक्त भोजन, शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना, मोटापा, धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन कोलन कैंसर के प्रमुख रिस्क फैक्टर्स माने जाते हैं।
जब बड़ी आंत की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित और विभाजित होकर ट्युमर बना लेती हैं तो इसे कोलन कैंसर कहते हैं। (When the cells fo the large intestine grow uncontrollably and form tumors, it is calls colon cancer) कम फाइबर, वसायुक्त भोजन, शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना, मोटापा, धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन कोलन कैंसर के प्रमुख रिस्क फैक्टर्स माने जाते हैं।
अस्वस्थ आंतों के संकेत (signs of unhealthy intestines) इन बातों का ध्यान रखकर आप न केवल आंतो को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि आपका पाचन तंत्र भी मजबूत बना रहेगा। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।