स्वास्थ्य

Heart Attack Treatment : किडनी की दवा हार्ट अटैक मरीजों के लिए बनी वरदान

Heart Attack Treatment : भारतीय मूल के एक व्यक्ति के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम के किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि किडनी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Heart Attack) वाले मरीजों को दिया जा सकता है।

जयपुरSep 28, 2024 / 05:02 pm

Manoj Kumar

Kidney Drug Shows Promising Results in Heart Attack Treatment

Kidney Drug Shows Promising Results in Heart Attack Treatment : हाल ही में किए गए एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय शोध से पता चला है कि किडनी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली एक खास दवा एम्पाग्लिफ्लोज़िन को दिल के दौरे (Heart Attack) (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन) के मरीजों के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। यह शोध भारतीय मूल के डॉक्टर दीपक एल. भट्ट के नेतृत्व में किया गया है और इसके परिणाम उत्साहवर्धक हैं।

एम्पाग्लिफ्लोज़िन: दिल और गुर्दे दोनों की सुरक्षा Heart Attack Treatment

एम्पाग्लिफ्लोज़िन, जो मूल रूप से किडनी की समस्याओं के उपचार में प्रयोग की जाती है, ने दिल के दौरे (Heart Attack) के बाद हार्ट फेलियर के मामलों को कम करने में सफलता प्राप्त की है। यह विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, जिनके गुर्दे कमजोर हैं। दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने के बाद मरीजों को दी जाने वाली कुछ दवाएं और तरल पदार्थ गुर्दों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन एम्पाग्लिफ्लोज़िन उन मरीजों के लिए सुरक्षित और कारगर साबित हो रही है।

Heart Attack Treatment : दिल के दौरे के बाद दवा की सुरक्षा पर संशय

डॉक्टरों के मन में एम्पाग्लिफ्लोज़िन जैसी दवाओं को दिल के दौरे (Heart Attack) के तुरंत बाद देने पर संशय रहा है, क्योंकि इस दवा की सुरक्षा को लेकर अभी तक पर्याप्त जानकारी नहीं थी। यह दवा सोडियम ग्लूकोज को-ट्रांसपोर्टर 2 (SGLT2) प्रोटीन को अवरुद्ध करती है, जो रक्त से ग्लूकोज को पुनः अवशोषित करने में गुर्दों की मदद करता है।
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शोध के परिणाम: दिल और गुर्दों पर सकारात्मक असर

शोध के दौरान, 6,522 मरीजों को एम्पाग्लिफ्लोज़िन या प्लेसबो दिया गया। परिणामस्वरूप, एम्पाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले मरीजों को हार्ट फेलियर या दिल के दौरे (Heart Attack) के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ी। इसके अलावा, उनकी गुर्दों की सेहत में भी सुधार देखा गया। इस दवा ने बेसलाइन किडनी फंक्शन को नुकसान पहुंचने के खतरे को भी कम किया।

दवा के सेवन के शुरुआती 30 दिन

शोध से यह भी पता चला कि पहले 30 दिनों में, चाहे मरीजों के किडनी फंक्शन, रक्तचाप या अन्य उपचार कैसे भी रहे हों, एम्पाग्लिफ्लोज़िन और प्लेसबो समूहों के बीच हानिकारक घटनाओं की दर में कोई बड़ा अंतर नहीं था। यह दर्शाता है कि यह दवा शुरुआती अवस्था में भी सुरक्षित मानी जा सकती है।

हृदय रोग: विश्व स्तर पर प्रमुख मौत का कारण Heart disease: the leading cause of death globally

हृदय रोग दुनिया भर में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है, और हृदयाघात इनमें सबसे बड़ा योगदान देता है। ऐसे में यह शोध हार्ट अटैक के बाद मरीजों की देखभाल में एक नई दिशा दिखा सकता है।

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हार्ट अटैक के मरीजों के लिए नई उम्मीद New hope for heart attack patients

इस शोध के परिणामों से वैश्विक स्तर पर हृदय रोगियों की संवेदनशील आबादी का इलाज करने में डॉक्टरों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन मिलेगा। एम्पाग्लिफ्लोज़िन की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलने के बाद, डॉक्टर दिल के दौरे के तुरंत बाद इसका उपयोग करने में सक्षम होंगे, जिससे मरीजों के स्वस्थ जीवन की संभावना और बढ़ जाएगी।
यह शोध लंदन में आयोजित यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया, और इसके निष्कर्ष दिल के दौरे से जूझ रहे मरीजों के उपचार में नया आयाम प्रदान कर सकते हैं।

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