ऐसा माना जाता है की यदि प्रथम घंटे यानि गोल्डन आवर्स (Golden Hours) में डॉक्टर द्वारा इलाज शुरू हो जाए, तो जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सदैव इसका ध्यान रखना चाहिए कि दुर्घटना (Accident) के बाद के पहले घंटे में पीड़ित को प्राथमिक उपचार देने के साथ उसे तय समय में उपयुक्त चिकित्सा सहायता मिले।
हैल्पलाइन की जानकारी जरूरी : Maximize Golden Hours: Add Family Numbers to Your Mobile Lock Screen
दुर्घटना (Accident) की स्थिति में बचाव के लिए अपने घर, कार्यालय, शिक्षण संस्थान एवं ऐसी कोई भी जगह जहां भीड़ रहती हो पर उपयुक्त स्थान पर आपातकालीन सेवा (Emergency service) संपर्क की जानकारी लिखी होनी चाहिए। कुछ महत्त्वपूर्ण आपातकालीन संपर्क (Emergency service) निम्न हैं – राष्ट्रीय आपातकालीन संपर्क सूत्र- 112, एम्बुलेंस-108, पुलिस- 100, दमकल- 101, हाईवे हेल्पलाइन- 1033, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन- 1090, एलपीजी लीकेज हैल्पलाइनद्ग-1906, यातायात पुलिस-1095
इन बातों पर ध्यान दें
दुर्घटना (Accident) के समय सबसे बड़ी समस्या पीड़ित के परिजनों को सूचित करने की होती है, क्योंकि आज सभी के मोबाइल फोन कोड से ही खुलते है और गंभीर दुर्घटना (Accident) की स्थिति में घायल के मोबाइल से उसके परिजनों का नंबर निकाल पाना मुश्किल होता है। इस स्थिति से बचने के लिए परिवार के 2 या 3 सदस्यों के नंबर मोबाइल की लॉक स्क्रीन पर आपातकालीन संपर्क (Emergency contact) के रूप में अवश्य डालने चाहिए। इसे ‘इन केस ऑफ इमरजेंसी नंबर’ कहते हैं। यह अपने मोबाइल के वॉलपेपर की सेटिंग में जाकर सरलतापूर्वक कर सकते हैं। इसके अलावा पर्स, बैग और बच्चों के स्कूल बैग में एक कार्ड पर भी ये नंबर लिख कर अवश्य रखें ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में परिजनों को समय से सूचना दी जा सके।