क्या है फाइब्रॉएड और इसके लक्षण? What are fibroids and its symptoms?
फाइब्रॉएड (Fibroids) गर्भाशय की दीवार पर बनने वाली एक प्रकार की गांठ होती है। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं: पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंगलंबे समय तक मासिक धर्म
पेल्विक दर्द
बार-बार पेशाब आना
कब्ज, पीठ और पैरों में दर्द
समय पर निदान और सही उपचार से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : सर्दियों में Blood Sugar कंट्रोल करने के लिए बाबा रामदेव के उपाय
आयुर्वेद में फाइब्रॉएड का कारण Causes of Fibroid in Ayurveda
आयुर्वेदाचार्य कुणाल शंकर के अनुसार, फाइब्रॉएड (Fibroids) का मुख्य कारण पित्त दोष है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब शरीर में जल और आकाश तत्व का संतुलन बिगड़ जाता है। मानसिक तनाव और मन में बातें छुपाने से जल तत्व प्रभावित होता है, जो पित्त दोष को बढ़ावा देता है और बीमारी का कारण बनता है।कांचनार गुग्गुल: गुणों की खान Kanchanar Guggul benefits
कांचनार गुग्गुल (Kanchanar Guggul benefits) को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है। इसका उपयोग खासतौर पर हार्मोनल असंतुलन और फाइब्रॉएड (Fibroids) के उपचार में किया जाता है। संघटक: इसमें कांचनार की छाल, अदरक, काली मिर्च, पीपली, और हरिटकी जैसे औषधीय जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं।
लाभ: यह फाइब्रॉएड को सिकोड़ने और हार्मोनल संतुलन को बहाल करने में मदद करता है।
सेवन: चिकित्सक की सलाह से इसे नियमित रूप से लिया जा सकता है।
त्रिफला का साथ: उपचार को बनाएं प्रभावी
त्रिफला, जो तीन फलों (आंवला, हरड़ और बहेड़ा) से बना है, फाइब्रॉएड (Fibroids) के उपचार में सहायक है।
लाभ: यह फाइब्रॉएड को सिकोड़ने और हार्मोनल संतुलन को बहाल करने में मदद करता है।
सेवन: चिकित्सक की सलाह से इसे नियमित रूप से लिया जा सकता है।
त्रिफला का साथ: उपचार को बनाएं प्रभावी
त्रिफला, जो तीन फलों (आंवला, हरड़ और बहेड़ा) से बना है, फाइब्रॉएड (Fibroids) के उपचार में सहायक है।
एनसीबीआई की स्टडी: 2014 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, त्रिफला में एंटीनोप्लास्टिक एजेंट्स होते हैं, जो फाइब्रॉएड पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
सेवन विधि: इसे पाउडर या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।
सेवन विधि: इसे पाउडर या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।
पंचकर्म: आयुर्वेदिक थैरेपी का महत्व
फाइब्रॉएड (Fibroids) के उपचार में पंचकर्म भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर उसे स्वस्थ और संतुलित बनाता है।यह भी पढ़ें : Shilpa Shetty का सर्दियों के लिए स्टाइलिश और आरामदायक लुक, सफेद टर्टलनेक ड्रेस और ट्रेंच कोट
Kanchanar Guggul benefits मन का स्वास्थ्य: आयुर्वेद की जड़
आयुर्वेद में माना गया है कि शारीरिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध मानसिक स्थिति से है। तनाव को करें साझा: मन में दबाई गई समस्याएं जल तत्व को प्रभावित करती हैं, जिससे कई बीमारियां जन्म लेती हैं।खुश रहें: प्रसन्नचित्त रहने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि शारीरिक समस्याओं से बचाव भी होता है।
फाइब्रॉएड (Fibroids) जैसी समस्या से निपटने के लिए सर्जरी के अलावा भी आयुर्वेद में कई विकल्प मौजूद हैं। कांचनार गुग्गुल (Kanchanar Guggul benefits) , त्रिफला और पंचकर्म जैसी औषधियां और थैरेपी इस दिशा में प्रभावी साबित हो सकती हैं। हमेशा याद रखें, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन ही असली स्वास्थ्य है।