यह बताया जा रहा है कि यौन संपर्क के माध्यम से फैलने वाली इस बीमारी का लगभग 70 प्रतिशत प्रभाव पुरुषों पर पड़ता है। सिफलिस वायरस 20 से 50 वर्ष के पुरुषों के साथ-साथ 20 से 30 वर्ष की महिलाओं को अधिक प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, नवजात शिशुओं सहित बच्चे भी इसके शिकार बन रहे हैं।
सिफलिस वायरस क्या है What is the syphilis virus
यह संक्रामक रोग ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह यौन संबंधों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस संक्रमण के विभिन्न चरण होते हैं। प्रारंभिक सिफलिस में संक्रमित व्यक्ति के जननांग, मुंह, जीभ या बगल में बिना दर्द के घाव या दाने दिखाई देते हैं। अधिकतर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। इसके बाद के चरण में त्वचा पर रैशेज, लिम्फ नोड्स में सूजन, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। इसके साथ ही, व्यक्ति के बाल भी गिरने लगते हैं। गंभीर मामलों में, यह दिल, मस्तिष्क और रक्त कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सिफलिस किसी भी चरण में नर्वस सिस्टम, आंखों और कानों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
सिफलिस वायरस के लक्षण Symptoms of the Syphilis Virus
- बुखार
- त्वचा पर चकत्ते
- वजन में कमी
- बालों का झड़ना
- गले में खराश
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द,
- सिरदर्द
- लिम्फ नोड्स में सूजन
गर्भवती महिला में सिफलिस वायरस के लक्षण Symptoms of the syphilis virus in a pregnant woman
- भ्रूण प्रभावित
- बच्चे का समय से पूर्व जन्म,
- जन्म के समय मृत्यु
- जन्म के समय वजन कम
सिफलिस वायरस को लेकर डॉक्टरों की राय Doctors’ opinion about the syphilis virus
वायरस को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि सिफलिस एक ऐसा वायरस है जो धीरे-धीरे विकसित होता है और इसके अंतिम चरण में यह जानलेवा हो सकता है। यदि इसके प्रारंभिक लक्षणों को समय पर पहचानकर उपचार किया जाए, तो व्यक्ति को ठीक किया जा सकता है।