घी: कैसे बनता है और क्यों नहीं है रोज़मर्रा के लिए सही
घी (Ghee) बनाने की प्रक्रिया में अनसाल्टेड मक्खन को धीमी आंच पर उबाला जाता है। मक्खन से पानी और ठोस कण अलग हो जाते हैं और ऊपर से जो सुनहरा तरल बचता है, वही घी कहलाता है। हालांकि घी (Ghee) का स्वाद बेहद लाजवाब होता है, परंतु इसमें लगभग 62% संतृप्त वसा (saturated fat) होती है।Saturated fat का खतरा
संतृप्त वसा से भरपूर आहार लेने से एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि घी (Ghee) में असंतृप्त वसा की कमी होती है, जो हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत, तेलों में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह भी पढ़ें-Diabetes Control Secret : डायबिटीज को कंट्रोल करने का रामबाण उपाय ,चावल में इस तरह से मिलाकर खाएं देसी घी
तेल: दिल के लिए बेहतर विकल्प Oil: Better choice for the heart
तेल, जैसे जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल और सरसों का तेल, असंतृप्त वसा से भरपूर होते हैं। ये वसा न केवल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, बल्कि इनमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी हैं। तेल के पोषक तत्व
तेल हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह आवश्यक फैटी एसिड का स्रोत होता है और विटामिन A, D, E और K जैसे वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण में मदद करता है। ये विटामिन न केवल त्वचा की सेहत और कोशिकाओं की संरचना को बनाए रखते हैं, बल्कि मस्तिष्क की क्रियाओं के लिए भी जरूरी होते हैं।
तेल हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह आवश्यक फैटी एसिड का स्रोत होता है और विटामिन A, D, E और K जैसे वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण में मदद करता है। ये विटामिन न केवल त्वचा की सेहत और कोशिकाओं की संरचना को बनाए रखते हैं, बल्कि मस्तिष्क की क्रियाओं के लिए भी जरूरी होते हैं।
घी बनाम तेल Ghee vs Oil
घी का धूम्र बिंदु (smoke point) लगभग 250 डिग्री सेल्सियस होता है, जो मक्खन से अधिक है। लेकिन कैनोला और एवोकाडो जैसे तेलों का धूम्र बिंदु इससे भी अधिक होता है, जो उन्हें उच्च तापमान पर पकाने के लिए सुरक्षित बनाता है। जब वसा या तेल अपने धूम्र बिंदु पर पहुँचते हैं, तो ये हानिकारक यौगिक और मुक्त कण छोड़ने लगते हैं, जो शरीर में सूजन और क्षति का कारण बन सकते हैं।रोजाना के भोजन के लिए तेलों का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद Using oils for daily meals is more beneficial
जैतून का तेल एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन E और पॉलीफिनोल्स से भरपूर होता है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और सूजन को नियंत्रित रखते हैं। घी में यह गुण सीमित होते हैं, इसलिए रोजाना के भोजन के लिए तेलों का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद हो सकता है। यह भी पढ़ें-A1 vs. A2 Milk: ए1 और ए2 घी और दूध के नाम पर छलावा! जानिए सच्चाई