कॉफी और बैठने का समय: क्या है संबंध?
जो लोग कॉफी नहीं पीते और छह घंटे से अधिक समय तक बैठे रहते हैं, वे उन लोगों की तुलना में 60% अधिक मृत्यु के जोखिम में हैं जो कॉफी पीते हैं और छह घंटे से कम समय तक बैठते हैं। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। हाल ही में बायोमेड सेंट्रल (BMC) पब्लिक हेल्थ ने एक जर्नल में इस शोध को प्रकाशित किया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि जो लोग कॉफी पीते हैं और प्रतिदिन छह घंटे से अधिक बैठते हैं, उनकी मृत्यु दर गैर-कॉफी पीने वालों की तुलना में कम होती है। कॉफी ना पीने वालों की मृत्यु दर 60% अधिक 60% higher mortality rate among non-coffee drinkers
नहीं, कॉफी पीने से न तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है और न ही इससे गैस्ट्राइटिस या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या बढ़ती है या यह बीमारी होती है.
नहीं, कॉफी पीने से न तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है और न ही इससे गैस्ट्राइटिस या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या बढ़ती है या यह बीमारी होती है.
वास्तव में, नियमित रूप से बिना चीनी या दूध वाली सादा कॉफी का सेवन (3-5 कप प्रतिदिन) करने से… 1 कॉफी कप = 150 मिलीलीटर 1 मानक कप = 230 से 250 मिलीलीटर
लेकिन, कॉफी या आपके वर्कआउट सप्लीमेंट्स में मौजूद कैफीन आपकी नींद में खलल डाल सकता है। लेकिन इससे बचने का उपाय है। नींद पूरी न होने से बचने के लिए, सोने से कम से कम 8.8 घंटे पहले कॉफी (250 मिलीलीटर में 107 मिलीग्राम कैफीन) का सेवन करना चाहिए और प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट (217.5 मिलीग्राम कैफीन) की एक मानक मात्रा का सेवन सोने से कम से कम 13.2 घंटे पहले करना चाहिए।
निष्क्रिय जीवनशैली और कॉफी का प्रभाव
बैठकर काम करने की जीवनशैली के साथ विभिन्न स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हुए हैं। लेकिन, शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि कॉफी का सेवन इन जोखिमों को कम करने में सहायक हो सकता है। सुचो विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने पाया कि निष्क्रिय जीवनशैली वाले कॉफी पीने वालों में मृत्यु का जोखिम 24% कम होता है, जबकि जो लोग कॉफी नहीं पीते और प्रतिदिन छह घंटे से अधिक बैठते हैं, उनका जोखिम अधिक होता है।कॉफी के लाभ: शोधकर्ता की दृष्टि
शोधकर्ता ने अध्ययन में यह भी उल्लेख किया कि कॉफी का सेवन वयस्कों में समग्र जीवनकाल को बढ़ाता है। जिन प्रतिभागियों ने सबसे अधिक मात्रा में कॉफी पी थी, उनमें मृत्यु दर में 33% की कमी देखी गई, जबकि जो लोग कॉफी नहीं पीते थे, उनकी तुलना में।कॉफी में पाए जाने वाले तत्व और उनका प्रभाव
कॉफी में कैफीन और पॉलीफेनॉल्स जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं। हालांकि, कॉफी शरीर में कैसे काम करती है और मृत्यु के जोखिम को कम करती है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है कि चूंकि कॉफी एक जटिल यौगिक है, इसलिए इसके चमत्कारी प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। शोध में यह भी पाया गया कि प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक बैठने से किसी भी कारण से मृत्यु का जोखिम 40% बढ़ जाता है और हृदय रोग से मरने का जोखिम लगभग 80% अधिक हो जाता है।
अतः, यह कहा जा सकता है कि कॉफी का सेवन और बैठने के समय को संतुलित करके मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। कॉफी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे के शोध की आवश्यकता है।