सूजन एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया हो सकती है जो किसी विषाणु संक्रमण, चोट, रोगजनकांग की वजह से होती है और इससे मानसिक कामकाज में भी कमी आ सकती है। सूजन में, शरीर की कोशिकाएं संक्रमण का मुकाबला करती हैं और इसे रोकती हैं। जब यह कोशिकाएं संक्रमण को मारती हैं, तो कुछ रसायन स्थानीय सूजन का कारण बन सकते हैं, जो दर्द या अन्य लक्षण उत्पन्न कर सकते हैं।
इन्फ्लेमेशन का कारण आपस में कोशिकाओं का लड़ना Inflammation is caused by cells fighting among themselves
सूचना के अनुसार, इन्फ्लेमेशन (Inflammation) के समय शरीर की कोशिकाएं आपस में लड़ती हैं और संक्रमण का घर बनती हैं। इस प्रक्रिया में कुछ रसायन उत्पन्न होते हैं, जो आसपास की कोशिकाओं में प्रतिक्रिया का कारण बनते हैं। इससे इन्फ्लेमेशन उत्पन्न होती है, जिससे अक्सर दर्द या सूजन का संबंध होता है।जीवनशैली भी इन्फ्लेमेशन के लिए जिम्मेदार Lifestyle is also responsible for inflammation
गुरुग्राम के न्यूरोइंटरवेंशन पारस हॉस्पिटल के समूह निदेशक राष्ट्रीय अध्यापक डॉ. विपुल गुप्ता ने यह स्पष्ट किया कि जीवनशैली के कारक भी अंतरभाव में योगदान कर सकते हैं। वे यह भी बताया कि शारीरिक गतिविधि का स्तर कम होना, तनाव, मोटापा, अनुद्यमित आहार जैसे – तैलीय, जंक फूड या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन, नींद की कमी, वायु प्रदूषण, धूम्रपान और शराब का सेवन शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।बुखार का बार बार आना भी इन्फ्लेमेशन कारण Recurring fever is also a cause of inflammation
डॉ. विपुल गुप्ता ने कहा जब किसी को बुखार या संक्रमण होता है, जो बार-बार आता-जाता रहता है, तो उसे इन्फ्लेमेशन (Inflammation) कहा जाता है। यह रूप थोड़े समय के लिए बना भी रह सकता है। प्रमुख अध्ययनों से पता चलता है कि गठिया से पीड़ित रोगियों में, विशेषकर जो भारी होते हैं, चेतना में कमी या दिमागी कमी का खतरा ज्यादा होता है।इन्फ्लेमेशन पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों राय Health Experts Opinion on Inflammation
सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के कंसल्टेंट डॉ. विनस तनेजा ने बताया कि अत्यधिक प्रतिरोधक्षमता अथवा दीर्घकालिक संक्रमण के कारण मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन न्यॉरोनल और संज्ञानात्मक गिरावट का हो सकता है। विवेक श्रीवास्तव द्वारा बताया गया है कि जीवनशैली के कारक एकजुट अंगस्थली में जंग स्थिऱता को बढ़ा सकते हैं।