स्वास्थ्य

Asthma में तुरंत आराम दिलाएंगे ये 5 योग आसन, जान लीजिए करने का तरीका

World Asthma Day 2024 : हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है. ये दमा की बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. दमा (Asthma) एक ऐसी सांस संबंधी बीमारी है जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है और ये सिकुड़ जाती हैं. इससे सीने में जकड़न, खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं. इस दिन का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) नामक संस्था करती है.

जयपुरMay 06, 2024 / 04:07 pm

Manoj Kumar

5 Yoga Poses Asthmatics Can Try for Relief

5 Yoga Poses Asthmatics Can Try for Relief

5 Yoga Asanas Control Asthma : हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2024 ) मनाया जाता है. इस साल 2024 की थीम है “अस्थमा शिक्षा सशक्त बनाती है” (Asthma Education Empowers ) ये इस बात पर ज़ोर देती है कि दुनियाभर में दमा (Asthma) की बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए एकजुट होना और साथ मिलकर काम करना कितना ज़रूरी है.
इस खास दिन का फायदा उठाते हुए, हम आज दमा (Asthma) को मैनेज करने के कुछ आसान तरीकों के बारे में जानेंगे. योग, दमा (Asthma) को काबू करने में काफी मददगार हो सकता है. योग करने से शांत रहने में मदद मिलती है, सांस लेने के तरीके बेहतर होते हैं और सांस की मांसपेशियां मज़बूत बनती हैं. आइए अब कुछ आसान योगासन और उन्हें करने की विधि के बारे में पढ़ते हैं. इनको अपनाकर आप भी अपने दमे (Asthma) को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं.
Bhujangasana

भुजंगासन Bhujangasana

भुजंगासन एक पीठ को पीछे की ओर मोड़ने वाला आसन है जो सीने और फेफड़ों को खोलता है, जिससे सांस लेने की क्षमता बढ़ती है और सांस लेने में तकलीफ कम होती है।

भुजंगासन करने की विधि: Method of doing Bhujangasana:

  1. जमीन पर लेट जाएं, चेहरा जमीन की तरफ होना चाहिए।
  2. अब, अपने हाथों की तलवों को जमीन पर अपने पंजों के पास रखें और धीरे-धीरे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं।
  3. इस अवस्था में, सिर्फ आपके हाथ और शरीर का निचला हिस्सा ही जमीन को छूना चाहिए।
  4. इस अवस्था को 30 सेकंड तक रोकें और फिर धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाएं।
  5. रोजाना 3-4 बार इसको दोहराएं।
Setu Bandhasana
Setu Bandhasana

सेतुबंधासन Setu Bandhasana

सेतुबंधासन छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को खींचता है, जिससे फेफड़ों का कार्य बेहतर होता है और सांस लेना आसान हो जाता है।

सेतुबंधासन करने की विधि: Method of doing Setubandhasana:

  1. अपनी पीठ के बल लेट जाएं, घुटने मोड़ें हों।
  2. पैरों को जमीन पर मजबूती से टिकाएं और दोनों घुटनों के बीच का फासला कूल्हे की चौड़ाई जितना रखें।
  3. हाथों को जमीन पर रखें, हथेलियां नीचे की ओर रहें।
  4. सांस लेते हुए, धीरे-धीरे अपनी रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाते हुए अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  5. जमीन पर पैरों को मजबूती से दबाएं।
  6. कूल्हों को ऊपर उठाने के लिए, अपने नितंबों को थोड़ा सिकोड़ने की कोशिश करें।
  7. 4-8 बार सांस लेने और छोड़ने तक इस अवस्था में रहें।
  8. फिर धीरे-धीरे वापस अपनी शुरुआती स्थिति में आ जाएं।
Dandasana
Dandasana

दंडासन Dandasana

दंडासन करने की सही विधि है: The correct method of doing Dandasana is

  • जमीन पर चटाई या दरी बिछा लें।
  • अब इस पर बैठ जाएं और अपनी दोनों पैरों को सीधा आगे फैलाएं।
  • अपने पैरों के ऊपर के हिस्से को मिलाकर रखें और अपने पैरों के पंजों को जमीन पर सपाट रखें।
  • अपनी पीठ को सीधा रखें और कंधों को पीछे की ओर ले जाएं।
  • अपनी सांस को धीमी और गहरी रखें।
  • इस अवस्था में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आराम की स्थिति में आ जाएं।

दंडासन के फायदे: Benefits of Dandasana:

  • यह आसन श्वास को नियमित करने में मदद करता है।
  • यह शरीर की मुद्रा को दुरुस्त करता है।
  • यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है।
  • रोजाना अभ्यास करने से यह पीठ दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।
Ustrasana
Ustrasana

उष्ट्रासन (Ustrasana)

उष्ट्रासन छाती को खोलता है और शरीर के अगले हिस्से को फैलाता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है और बेहतर सांस लेने में मदद मिलती है।

उष्ट्रासन करने की विधि (Ustrasana Karne Ki Vidhi):

  1. घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने पैरों के पंजों को जमीन पर सपाट रखें।
  2. ध्यान दें कि जांघों को पिंडलियों को नहीं छूना चाहिए।
  3. अब धीरे-धीरे अपने हाथों को टखनों पर रखें।
  4. इस अवस्था में आपका चेहरा छत की तरफ होना चाहिए।
  5. 10-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और 3-5 मिनट के लिए दोहराएं।
Tadasana
Tadasana

ताड़ासन (Tadasana)

ताड़ासन शरीर की मुद्रा को सुधारता है, सीने को चौड़ा करता है, और गहरी सांस लेने में मदद करता है, जिससे फेफड़ों का कार्य insgesamt (tujhmala) बेहतर होता है।

ताड़ासन करने की विधि (Tadasana Karne Ki Vidhi):

  1. अपने पैरों को कंधों के जितना चौड़ा करके सीधे खड़े हो जाएं।
  2. अपने हाथों को छत की ओर उठाएं।
  3. अपनी हथेलियों को खोलें और जितना हो सके ऊपर तक फैलाएं।
  4. (This instruction is not recommended for beginners) इस बिंदु पर, अपने हाथों को मिलाने का प्रयास न करें। शुरुआती लोगों के लिए यह मुश्किल हो सकता है।
  5. आप ऊपर की ओर देखने का अभ्यास कर सकते हैं।
  6. इस स्थिति में 10 सेकंड तक रहें और 3-5 बार दोहराएं।
दमा के लिए ये योगासन तो बहुत फायदेमंद हैं, लेकिन याद रखें कि योग का अभ्यास किसी प्रशिक्षित योग गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए. ये खासकर तब ज़रूरी है जब आपको दमा या कोई और बीमारी हो. इससे ये आसान सुरक्षित और अधिक प्रभावी तरीके से किए जा सकते हैं. साथ ही, कोई भी नया व्यायाम या योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें. वो आपकी स्थिति को देखते हुए बताएंगे कि ये आपके लिए उपयुक्त हैं या नहीं.

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