This is how obesity affects the brain : मोटापे का दिमाग पर ऐसे होता है असर
पिछले कुछ समय से हुए अध्ययन बताते है कि यदि आप पेट के मोटापे से ग्रसित है तो यह आपके दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव ड़ाल सकते हैं। इसका कारण है यदि किसी व्यक्ति की लंबाई 5 फीट 10 इंच या उससे अधिक है और उसकी कमर का माप 36 इंच से अधिक है, तो यह एक चेतावनी का संकेत है। बताया जाता है कि आपकी कमर का माप आपकी ऊँचाई के आधे से भी कम होना चाहिए। इसलिए जैसे जैसे आपके पेट पर वसा का भार बढ़ता जाता है बीमारियों का खतरा भी बढ़ता चला जाता है। इसी को लेकर शोध का मानना है कि इसका असर ब्रेन (Brain) के साइज पर पड़ता है। आपके दिमाग का आकार दिमाग की फिटनेस और फंक्शन्स को निर्धारित करता है। जब आपके शरीर पर चर्बी की परतें बढ़ने लगती है तो इससे दिमाग के ग्रे मैटर में कमी आ सकती है जिससे दिमाग सिकुड़ भी सकता है। जिसके कारण इसका प्रभाव आपकी याददाश्त पर पड़ता है और डिमेंशिया जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि जिन मरीजो में एडीएचडी(अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) होती है उनमें मोटापा बढ़ने के ज्यादा चांस होते हैं। जब दिमाग (brain) की उलझन बढ़ जाती है तब भी मोटाप बढ़ सकता है।
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Follow these methods to protect yourself : बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
- सबसे पहले, अपने वजन बढ़ने के पीछे के कारणों को समझें। यदि यह कोई चिकित्सा समस्या है, तो उसका समुचित उपचार कराएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें। इसमें समय लग सकता है, इसलिए उपचार को बीच में न छोड़ें। अन्यथा, आपको फिर से शुरुआत करनी पड़ेगी।
- अपने वजन को क्रमशः 2 किलो, फिर 5 किलो, और फिर 8 किलो कम करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करें और उस पर सख्ती से अमल करें।
- स्वस्थ आहार, व्यायाम और पर्याप्त विश्राम का संतुलन बनाएं। वजन घटाना एक तात्कालिक प्रक्रिया नहीं है। इसमें समय लगेगा और आपको अपने निर्धारित रूटीन का निरंतर पालन करना होगा।
- खुद को निरंतर मोटिवेट करते रहें। वैसे तो शुरुआती वजन घटने के साथ ही दिमाग मे खुशी का हार्मोन पैदा होने लगता है। खासकर एक्सरसाइज के कारण यह हार्मोन पैदा होता है। इससे आपको आगे भी खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहने में मदद मिलती है।
- किसी अच्छे काउंसलर से मदद जरूर लें। सामाजिक स्तर पर गतिविधियों में धीरे धीरे भाग लें। किसी भी चीज से खुद को दूर न करें।
- खुद को निरंचर किसी काम में व्यस्त रखें। इससे आपको उन चीजों से दूर रहने में मदद मिलेगी, जो नकारात्मक भावना पैदा करती हैं।
- योग, मेडिटेशन, अच्छा संगीत, नृत्य, थियेटर जैसी किसी गतिविधि से जुड़िये। यदि आप इनमे रुचि नही रखते तो अपनी रुचि के किसी काम में व्यस्त रहिए।
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