: यह विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है। ब्रोकली में पाए जाने वाला सुल्फोराफेन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसे हफ्ते में कम से कम 3 बार भाप में पकाकर, रोस्ट करके या सलाद में डालकर खाएं।
हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन नामक तत्व सूजन कम करता है और कैंसर से भी लड़ता है। खास बात ये है कि यह कैंसर कोशिकाओं को ही निशाना बनाता है, स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं करता। सब्जी, सूप या दूध में हल्दी डालकर इसका इस्तेमाल करें। हल्दी के साथ काली मिर्च मिलाने से इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं।
पालक, मेथी और स्विस चार्ड जैसी हरी सब्जियां विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं। इनमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है, जो कैंसर से बचाव में अहम भूमिका निभाता है। इन्हें सलाद, स्मूदी या सब्जी के तौर पर खाएं।
लहसुन सिर्फ स्वाद ही नहीं देता बल्कि कैंसर से भी लड़ता है। इसमें पाया जाने वाला एलिसिन नामक तत्व कैंसर सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। खाने में ताजा लहसुन का इस्तेमाल करें। इसे चटनी में डालें, सब्जियों के साथ रोस्ट करें या चिकन में मिलाएं।
टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सिडेंट कैंसर से बचाता है, खासकर प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर। टमाटर को सलाद में काटकर, सॉस बनाकर या यूं ही खाएं। पकाने से लाइकोपीन और भी ज्यादा असरदार होता है।
सैमन, मैकेरल और सार्डिन जैसी तैलीय मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ये फैटी एसिड ब्रेस्ट और कोलन कैंसर के खतरे को कम करते हैं। हफ्ते में कम से कम 2 बार इन मछलियों को ग्रिल करके, बेक करके या तवे पर पकाकर खाएं।