हीट स्ट्रोक के बढ़ते खतरे को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व वित्त सचिव डॉ. अनिल गोयल से बात की।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन वाले मरीजों के लिए बेहद खतरनाक
डॉ. अनिल गोयल ने बताया, ”हीट स्ट्रोक में बॉडी का टेंपरेचर बेहद कम समय यानी 10 से 15 मिनट में ही 105 से 106 तक पहुंच जाता है। यह खासतौर पर डायबिटीज और हाइपरटेंशन वाले मरीजों में देखने को मिलता है। लेकिन आजकल हम देख रहे है कि यह 30 या 31 साल के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है।” आगे कहा, ”अभी हाल ही में एक युवा को हीट स्ट्रोक के चलते आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब उसे भर्ती कराया गया तो उसकी बॉडी का टेंपरेचर 107 से 108 था, उसकी स्किन पूरी तरह से ड्राई हो चुकी थी। मरीज होश में नहीं था, उसे लगातार चक्कर आ रहे थे।”
उन्होंने कहा कि ऐसी हालत में मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करके उसके बॉडी टेंपरेचर को कम करने का काम किया जाता है। साथ ही उसे हाइड्रेटेड रखा जाता है। इसके अलावा मरीज के ऑर्गन का भी ध्यान रखा जाता है।
गर्मी से बचने के लिए सुझाव
गर्मी से बचने के लिए लोगों को उपाय सुझाते हुए डॉ. अनिल ने कहा, ‘’कोशिश करें कि दोपहर 11 से 3 बजे के बीच घरों से बाहर न निकलें। इसमें विशेष तौर पर बच्चों और 60 साल से ज्यादा के बुजुर्ग लोगों को ध्यान देने की जरूरत है। अगर फिर भी घर से निकलना जरूरी हो तो अपने आप को कवर करके ही बाहर निकलें। ऐसे में किसी तरह की टोपी या कपड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर हो सके तो कपड़े को बीच-बीच में गीला करते रहें, जिससे बॉडी का टेंपरेचर ज्यादा नहीं बढ़ेगा।‘’ आगे बताया कि इस भीषण गर्मी में अपनी आंखों को बचाने के लिए काले चश्मे का इस्तेमाल करें। साथ ही हर आधे घंटे में पानी पीते रहें। उन्होंने कहा, ‘’अगर आपको जरा भी लगता है कि आपकी बॉडी गर्म हो रही है तो तुरंत ही किसी ठंडी जगह पर चले जाएं। ऐसे में अगर कोई जगह नहीं मिल रही है तो अपने आप को पेड़ के नीचे रखें। इससे आपका इंटरनल बॉडी टेंपरेचर कंट्रोल हो जाएगा। इससे आपको हीट स्ट्रोक या हाइपोथर्मिया जैसी चीज नहीं होगी।
हीट स्ट्रोक की शुरुआत हीट क्रैंप्स से होती है
डॉक्टर ने कहा हीट स्ट्रोक की शुरुआत हीट क्रैंप्स से होती है। इस दौरान शरीर पर लाल रंग के दाने हो जाते हैं, शरीर में दर्द होता है। अगर आपको भी ऐसा एहसास होता है तो आप अपनी डाइट में नींबू पानी और नारियल पानी के अलावा लिक्विड लेते रहें। साथ ही ऐसी स्थिति होने पर खुद को जितना हो सके, ठंडे एनवायरनमेंट में रखें, जिससे आपका बॉडी टेंपरेचर नॉर्मल हो जाएगा। –आईएएनएस