स्वास्थ्य

Sit-ups according to age : उम्र के अनुसार कितने सिट-अप्स करना चाहिए?

Sit-ups according to age : सिट-अप्स न केवल आपकी मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति का मापदंड हैं, बल्कि ये आपकी उम्र के हिसाब से स्वास्थ्य का भी संकेत देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हर उम्र के लिए सिट-अप्स की एक निश्चित संख्या निर्धारित की गई है, जिससे आप अपनी फिटनेस का आकलन कर सकते हैं।

नई दिल्लीDec 20, 2024 / 06:20 pm

Manoj Kumar

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Sit-ups according to age : जटिल और महंगे स्वास्थ्य परीक्षणों को भूल जाइए। विशेषज्ञों के अनुसार, एक साधारण घरेलू एक्सरसाइज आपकी फिटनेस का स्तर बता सकती है। सिट-अप्स न केवल मांसपेशियों की ताकत को मापते हैं, बल्कि उम्र के अनुसार शरीर की मांसपेशियों की सहनशक्ति का भी संकेत देते हैं।

सिट-अप्स क्यों हैं महत्वपूर्ण? Why are sit-ups important?

Sit-ups according to age : सिट-अप्स कई मांसपेशियों को सक्रिय करते हैं, जैसे:

पेट की मांसपेशियां: सिट-अप्स से पेट की ताकत बढ़ती है।
हिप फ्लेक्सर्स और कमर: यह मांसपेशियों को मजबूती देकर रोजमर्रा के कार्यों को आसान बनाता है।

अध्ययन बताते हैं कि जो लोग उम्र के अनुसार अधिक सिट-अप्स कर सकते हैं, उनमें उम्र से संबंधित मांसपेशियों की हानि की संभावना कम होती है।

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Sit-ups according to age : आयु के अनुसार लक्ष्य

फिटनेस वेबसाइट Topend Sports के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के लिए सिट-अप्स का औसत लक्ष्य निम्नलिखित है:

फिटनेस वेबसाइट Topend Sports के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के लिए सिट-अप्स का औसत लक्ष्य निम्नलिखित है:
आयु समूहपुरुष (1 मिनट में)महिलाएं (1 मिनट में)
18-2535-3829-32
26-3531-3425-28
36-4527-2919-22
46-5522-2414-17
56-6517-2010-12
65+15-1811-13


सही तरीके से सिट-अप कैसे करें? How to do sit-ups correctly?

शुरुआत करें: ज़मीन पर पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैर फ्लैट रखें।
हाथों की स्थिति: हाथों को जांघों पर रखें।
गति: पेट की मांसपेशियों को कसते हुए, अपनी पीठ को ऊपर उठाएं।
सावधानी: गर्दन या सिर का ज़ोर न लगाएं, और कमर के निचले हिस्से को जमीन से न हटाएं।
फिनिश: शुरुआती स्थिति में लौटें।

सिट-अप्स के विकल्प: Alternatives to sit-ups:

न्यूयॉर्क की पर्सनल ट्रेनर कैरोलिन बेकविथ कहती हैं कि सिट-अप्स हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं हैं। खासतौर पर:

बुजुर्गों के लिए, जो गर्दन और कमर दर्द का अनुभव कर सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस या रीढ़ की चोट वाले व्यक्तियों के लिए।
विकल्प:

डेड बग्स एक्सरसाइज

पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और हाथ ऊपर उठाएं।
एक हाथ और विपरीत पैर को नीचे की ओर ले जाएं।
वापस ऊपर लाएं और दूसरी ओर दोहराएं।

प्लैंक:

जितनी देर हो सके, अपनी स्थिति बनाए रखें। यह कोर को मजबूत करता है और कमर पर दबाव नहीं डालता।
Sit-ups according to age : सिट-अप्स एक अच्छा फिटनेस परीक्षण हैं, लेकिन इन्हें अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार करें। यदि आप सिट-अप्स नहीं कर सकते, तो डेड बग्स या प्लैंक जैसी वैकल्पिक एक्सरसाइज आज़माएं। याद रखें, फिटनेस का उद्देश्य स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है, न कि चोट लगाना।

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