वाटर रिटेंशन के कई कारण होते हैं। जैसे जीवन शैली में बदलाव आना, एक्सरसाइज नहीं करना, खानपान में बदलाव, शरीर में पानी की मात्रा बढऩा, अधिक दवाईयों का सेवन, सोडियम की मात्रा बढऩा, शक्कर का अधिक सेवन, मीठा खाना, ब्लड सरकुलेशन बराबर नहीं होना आदि।
नमक का सेवन कम करें-
नाश्ते, भोजन सहित अन्य खाद्य प्रदार्थों में नमक का अधिक सेवन करने के कारण भी वाटर वेट बढऩे लगता है। इसलिए जरूरी है कि आप नमक का कम से कम सेवन करें, ध्यान दें सब्जी-सलाद आदि में ऊपर से नमक नहीं डाले, आपको कुछ दिन अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन फिर कम नमक की आदत हो जाएगी। नमक अधिक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर से वह पानी बाहर नहीं निकल पाता है। ऐसे में वाटर वेट बढ़ता जाता है।
दवाईयों का सेवन कम करें-
कुछ लोगों का वजन दवाईयों के कारण भी बढ़ता है। आपको भी ऐसी समस्या है। दवाईयां नियमित लेनी है तो चिकित्सक से सम्पर्क कर उन्हें यह समस्या बताएं, या फिर जिन दवाईयों से वजन नहीं बढ़े, ऐसी दवाईयां लिखवाएं। ताकि आपका रोग भी ठीक हो जाए और आपको किसी प्रकार की कोई समस्या भी नहीं हो।
मीठा कम खाएं-
अचानक वजन बढऩे का कारण शक्कर और मीठे खाद्य प्रदार्थों का अधिक सेवन भी है। क्योंकि अधिक मीठा खाने से शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। जिससे इंसुलिन बढ़ता है, इस कारण शरीर में वाटर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए आप भी वजन बढ़ रहा है। तो मीठा और शक्कर का सेवन कम करें।
ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखें-
खान पान में आए बदलाव, तनाव, गुस्सा आदि कारणों से आपके शरीर में बल्ड का सर्कुलेशन ठीक नहीं रहता है। इस कारण भी वजन बढ़ जाता है। ब्लड सर्कुलेशन खराब होने के कारण शरीर में पानी का लेवल बढ़ जाता है। इस कारण आप इसलिए आप अपना बल्ड सर्कुलेशन ठीक रखने के लिए कुछ एक्सरसाइज करें, टहलने जाएं, टेंशन नहीं ले, कुछ योग प्राणायाम भी करें। इससे आपको फायदा होगा।