जामुन का फल बीज और पत्ते तीनों ही डायबिटीज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। दरअसल जामुन इंसुलिन आधिरित या फिर नॉर्मल डायबिटीज दोनों में ही फायदेमंद है। दरअसल ये पैंक्रियाज के काम काज को बेहतर बनाता है और इंसुलिन के प्रोडक्शन को तेज करता है। इसकी वजह से शरीर में शुगर तेजी से पचता है और डायबिटीज कंट्रोल में रहता है।जामुन लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फल है जिसे डायबिटीज में खाया जा सकता है और इसका विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है।
डायबिटीज में करी पत्ता बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ये बहुत ही पुराना नुस्खा है जिसमें कि करी पत्ता चबा कर आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। दरअसल, करी पत्ते में बीटा-कैरोटीन और कार्बाज़ोल एल्कलॉइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि डायबिटीज में ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकते हैं
मेथी दाना डायबिटीज के कुछ सबसे पुराने नुस्खों में से एक है। मेथी के बीज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जो पाचन को तेज करके और कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता।
डायबिटीज में गुड़हल के पाउडर का इस्तेमाल कुछ सबसे पुराने नुस्खों में है। गुड़हल के फूलों और इनके पत्तों दोनों में ही शुगर को कम करने के गुण होते हैं। आप डायबिटीज में गुड़हल की चाय और इसका काढ़ा बा कर पी सकते हैं।
करेले का जूस या केरेला का चोखा दोनों ही डायबिटीज में बहुत ही फायदेमंद है। करेला इंसुलिन-पॉलीपेप्टाइड-पी से भरा हुआ है और बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम कर सकता है। रेगुलर इसका सेवन करना डायबिटीज में होने वाले स्किन इंफेक्शन से भी बचा सकता है।
डायबिटीज में आप दालचीनी का पाउडर या फिर इसे ऐसे भी खा सकते हैं। दालचीनी में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो कि डायबिटीज को रोकने और उससे लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही दालचीनी इंसुलिन की गतिविधि को उत्तेजित करके ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित कर सकती है। आप दूध में स्मूद में या फिर फिर अपनी रेगुलर टी में दालचीनी पाउडर मिला कर ले सकते हैं।