तनाव का कारण : Cause of stress
हमारे मस्तिष्क तक सूचनाएं पहुंचाने के लिए कुछ न्यूरोट्रांसमीटर कार्य करते हैं, जिनमें से सेरेटोनिन सबसे महत्वपूर्ण है। यह न केवल हमारे मूड को संतुलित करता है, बल्कि हमारे पाचन तंत्र के लिए भी संदेश भेजता है। माना जाता है कि सेरेटोनिन की कमी से अवसाद (Home Remedies For Depression) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अभाव में नींद में भी बाधा आती है। आमतौर पर, दवाएं इसी स्तर को बढ़ाने के लिए निर्धारित की जाती हैं।Home Remedies For Depression: डिप्रेशन को कम करने लिए वॉक
यदि आप नियमित रूप से चलने का अभ्यास नहीं कर रहे हैं, तो इसके लाभ प्राप्त नहीं होंगे। कई लोग बीच-बीच में चलने का प्रयास करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं होता। इसलिए, नियमित रूप से चलने की आदत विकसित करें। यदि आप प्रतिदिन 5000 कदम (Home Remedies For Depression) से अधिक चलते हैं, तो यह बहुत अच्छा है। अनुसंधान से पता चलता है कि आपको अवसाद से बचने के लिए कम से कम 7500 कदम चलने की आवश्यकता है।डिप्रेशन की कम करने के लिए सूरज की रोशनी
सूरज (Home Remedies For Depression) की किरणें कई स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करने में सहायक होती हैं। इस धूप से न केवल विटामिन डी मिलता है, बल्कि मूड भी सुधरता है। विटामिन डी शरीर में खुशी के हार्मोन को बढ़ावा देता है, जो अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। एक शांत मन और तनावमुक्त शरीर के लिए हर सुबह कम से कम 30 मिनट हल्की धूप में बिताना फायदेमंद है।डिप्रेशन की कम करने के लिए नींद
एक अच्छी और संतोषजनक नींद (Home Remedies For Depression) शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है। अवसाद से बचने के लिए प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। गहरी नींद के लिए, रात को सोने से दो घंटे पहले भोजन करना चाहिए। सोने से कम से कम एक घंटा पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन और टीवी बंद कर दें। इसके अलावा, रात में सोते समय एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध या केसर-शहद वाला दूध पीना फायदेमंद होता है। इस प्रकार की आदतें गहरी और अच्छी नींद लाने में सहायक होती हैं।क्या बच्चे भी जा सकते हैं डिप्रेशन में : Can children also go into depression?
बच्चों में डिप्रेशन की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह देखी जा सकती है। विशेष रूप से उन बच्चों में, जिनके माता-पिता के बीच लगातार झगड़े होते हैं। यदि ये झगड़े हिंसक रूप ले लेते हैं, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। जिन बच्चों के माता-पिता अलग-अलग रहते हैं, उनमें भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।