HMPV Virus : क्या है एचएमपीवी और कहां से आया?
एचएमपीवी (HMPV) पैरामिक्सोवायडी फैमिली का एक वायरस है, जिसकी खोज सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वायरस कोई नया नहीं है और लंबे समय से वातावरण में मौजूद है। डॉ. तुषार तायल के अनुसार, “यह वायरस चीन से नहीं आया है। यह पहले से ही दुनियाभर में मौजूद है। कुछ दिनों पहले चीन में इसके कुछ मामले मिले थे, जिससे यह भ्रांति फैल गई कि यह चीन से आया है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।”HMPV Virus : कोरोना से तुलना करना क्यों है गलत?
मीडिया रिपोर्ट्स में इसे कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने इसे निराधार बताया है। डॉ. तायल ने बताया, “कोविड-19 के समय लोगों में उस वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता नहीं थी क्योंकि वह नया वायरस था। एचएमपीवी के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। यह वायरस सामान्य लक्षण पैदा करता है, जैसे सर्दी-जुकाम या गले में खराश। इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।”HMPV Virus : वैक्सीन क्यों नहीं बनी अब तक?
जब यह सवाल उठता है कि 2001 में खोजे जाने के बावजूद इस वायरस की वैक्सीन क्यों नहीं बनी, तो इसका जवाब है कि यह वायरस उतना खतरनाक नहीं है। “यह वायरस कभी भी महामारी जैसी स्थिति पैदा नहीं कर सका। इसके लक्षण हल्के और साधारण होते हैं। इसलिए वैक्सीन पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया,” डॉ. तायल ने कहा।HMPV Virus : लक्षण और बचाव के उपाय
एचएमपीवी के सामान्य लक्षणों में सर्दी-जुकाम, हल्का बुखार, खांसी, और गले में खराश शामिल हैं। यह वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों, बच्चों, और बुजुर्गों को थोड़ा अधिक प्रभावित कर सकता है।बचाव के लिए सामान्य स्वास्थ्य नियमों का पालन करें:
खांसते और छींकते समय मुंह ढकें।
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
डॉक्टरों ने बार-बार स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी से दहशत का माहौल बनाने की आवश्यकता नहीं है। यह वायरस साधारण फ्लू जैसा ही है और इससे सामान्य सावधानियों के साथ निपटा जा सकता है। अफवाहों पर ध्यान न दें और सही जानकारी के लिए विशेषज्ञों की राय पर विश्वास करें।