वयस्कों में, पूर्व संक्रमणों से बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण यह हल्का होता है, लेकिन शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
HMPV cases in India : कैसे किडनी पर असर डालता है एचएमपीवी?
डॉ. अंकित पटेल कंसलटेंट जनरल फिजिशियन, जयपुर ने बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन मेटानेमोवायरस) मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, लेकिन गंभीर संक्रमण के मामलों में इसका प्रभाव शरीर के अन्य अंगों, जैसे किडनी पर भी पड़ सकता है। जब संक्रमण गंभीर रूप लेता है, तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी और सूजन को बढ़ा सकता है, जिससे किडनी के सामान्य कार्यों पर असर पड़ सकता है। किडनी पर इसका प्रभाव तब अधिक प्रबल हो सकता है जब व्यक्ति में पहले से कोई किडनी से संबंधित समस्या हो।HMPV cases in India : डिहाइड्रेशन और लो ब्लड प्रेशर का खतरा
डॉ. अंकित पटेल ने कहा गंभीर संक्रमण के कारण डिहाइड्रेशन या लो ब्लड प्रेशर जैसे लक्षण किडनी के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा, संक्रमण के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाइयों या एंटीबायोटिक्स भी किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती हैं। अगर सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षणों के साथ पेशाब की मात्रा कम हो जाए, सुस्ती या शरीर में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किडनी को नुकसान से बचाने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना, पौष्टिक भोजन लेना, साफ-सफाई का ध्यान रखना, संक्रमण की गंभीरता पर नजर रखना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है।
लक्षण जो बताते हैं कि किडनी पर असर हो रहा है
डॉ. पटेल ने कहा कि यदि सामान्य सर्दी-जुकाम के साथ निम्नलिखित लक्षण नजर आएं, तो यह किडनी पर असर का संकेत हो सकता है:- पेशाब की मात्रा में कमी
- अत्यधिक थकान या सुस्ती
- शरीर में सूजन, विशेष रूप से टांगों या चेहरे पर
किडनी को नुकसान से बचाने के उपाय
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो।
- पौष्टिक भोजन करें: प्रोटीन और विटामिन से भरपूर आहार का सेवन करें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें।
- संक्रमण की गंभीरता पर नजर रखें: किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।
- समय पर इलाज कराएं: लक्षण दिखने पर देरी किए बिना डॉक्टर से सलाह लें।
HMPV cases in India : किडनी पर एचएमपीवी का प्रभाव
क्या एचएमपीवी किडनी को प्रभावित कर सकता है? नेफ्रोलॉजिस्ट के अनुसार, हाल ही में हुए शोध में एचएमपीवी और किडनी स्वास्थ्य के बीच रोचक संबंधों का पता चला है। अस्पताल में भर्ती बच्चों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला कि एचएमपीवी संक्रमण तीव्र किडनी चोट (acute kidney injury) से जुड़ा हो सकता है। यह जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है, और किडनी की चोट केवल सांस लेने की जटिलताओं के कारण नहीं हो सकती है।
HMPV cases in India : कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले मरीजों में जोखिम
ट्रांसप्लांट मरीजों में गंभीर खतरा
विशेषज्ञ के अनुसार किडनी और फेफड़े के ट्रांसप्लांट मरीजों में एचएमपीवी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं के चलते वायरस का प्रभाव और भी गंभीर हो सकता है, जिससे तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (ARDS) और अन्य जटिलताएं बढ़ जाती हैं।” यह भी पढ़ें : Arjun bark : सर्दियों में अर्जुन की छाल कैसे लेनी चाहिए? बेहद करामाती हैं इसके लाभ
एचएमपीवी के लक्षण Symptoms of HMPV
एचएमपीवी संक्रमण के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: खांसी
बुखार
गले में खराश
बहती या बंद नाक
घरघराहट
बुखार
गले में खराश
बहती या बंद नाक
घरघराहट
HMPV cases in India : हाई-रिस्क मरीजों के लिए सावधानी जरूरी
भले ही एचएमपीवी से किडनी को सीधे नुकसान का अभी पता नहीं चल सका है, लेकिन इसके सिस्टमेटिक प्रभावों के कारण उच्च जोखिम वाले मरीजों की सतर्क निगरानी आवश्यक है।”एचएमपीवी से बचाव कैसे करें? How to prevent HMPV?
एचएमपीवी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं: हाथों की सफाई: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं।भीड़भाड़ से बचाव: संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें।
मास्क पहनें: वायरस से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें।
संतुलित आहार और व्यायाम: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें।
एचएमपीवी संक्रमण को गंभीरता से लेना आवश्यक है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए। समय पर जांच और उचित चिकित्सा से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है।
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HMPV cases in India : घबराने की कोई जरूरत नहीं : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
आपको बता दें कि मानव मेटाप्नूमोवायरस (HMPV) पहले से ही दुनियाभर में, और भारत में भी, फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार, 6 जनवरी 2025 को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत में अब तक किसी भी मामले में यात्रा का इतिहास नहीं मिला है और सभी संक्रमित लोग ठीक हो रहे हैं।मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत में यह वायरस नया नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने एक वीडियो बयान में कहा, “स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे 2001 में पहली बार पहचाना गया था और यह कई वर्षों से दुनिया भर में फैल रहा है। यह वायरस हवा के जरिए, सांस लेने से फैलता है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “देश के स्वास्थ्य तंत्र और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”