HIV/AIDS के लक्षण: फ्लू या सर्दी समझने की गलती न करें, ये हो सकते हैं शुरुआती संकेत
HIV AIDS क्या है? : एड्स (AIDS) एक लाइलाज बीमारी है जो इंटरनल कॉन्टैक्ट से फैलती है। इसके वायरस को HIV कहते हैं। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों (HIV AIDS symptoms) को पहचानना बेहद जरूरी है।
HIV Symptoms: Don’t Mistake These Early Signs for Flu or Cold
एड्स एक लाइलाज बीमारी है जो इंटरनल कॉन्टैक्ट से फैलती है। इसके वायरस को HIV (Human Immunodeficiency Virus) कहते हैं। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों (HIV AIDS symptoms) को पहचानना बेहद जरूरी है। HIV वायरस वह चीज़ है जो इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुँचाता है, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह हमारे CD4 कोशिकाओं को हमला करता है, जिन्हें हम टी सेल के नाम से भी जानते हैं। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, 2020 में भारत में 23,18,737 लोग HIV संक्रमित हैं, जिनमें से 81,430 बच्चे भी शामिल हैं। अब तक इस बीमारी का कोई ठोस इलाज नहीं मिला है। इसलिए हमें सावधान रहना बहुत जरूरी है और संक्रमण से बचना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एड्स (AIDS) वो बीमारी है जो HIV संक्रमित लोगों में दिख सकती है। जब कोई व्यक्ति HIV संक्रमित होता है और उसका इलाज सही समय पर नहीं होता, तो HIV बदलकर एड्स में तब्दील हो सकता है। एड्स HIV का अत्यंत परिणाम है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम बिल्कुल कमजोर हो जाता है और वह अनेक गंभीर संक्रामक बीमारियों का शिकार हो जाता है। लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि सिर्फ इसलिए कि किसी को HIV है, तो वह अवश्यंता से एड्स में परिणामित नहीं होगा। सही इलाज और नियमित चेकअप से एड्स को रोका जा सकता है।
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किसी इंसान को HIV होने से पहले कुछ हफ्तों की अवधि को ‘एक्यूट इंफेक्शन स्टेज’ कहा जाता है। इस दौरान वायरस तेजी से बढ़ता है और संक्रमित व्यक्ति की इम्यून सिस्टम उत्तेजित होकर HIV एंटीबॉडीज़ उत्पन्न करती है। ये एंटीबॉडीज़ वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए होते हैं। इस स्टेज के दौरान, कुछ लोगों को पहले तो कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, बहुत से लोग वायरस के संपर्क में आने के बाद पहले महीने में लक्षणों का सामना करते हैं, लेकिन वे अक्सर इस बात को नहीं समझते कि HIV उन लक्षणों का कारण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक्यूट स्टेज के लक्षण फ्लू या अन्य मौसमी वायरस के समान हो सकते हैं। अगर आपको ऐसा लगता है, तो तुरंत इसकी जाँच कराएं।
– बुखार – ठंड लगना – सूजी हुई लिंप नोड्स – सामान्य दर्द और पीड़ा – त्वचा के लाल चकत्ते – गला खराब होना – सिरदर्द – बदन दर्द – जी मिचलाना – पेट की ख़राबी – हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। – इस्तेमाल की हुई सुई या सिरिंज का इस्तेमाल न करें। – संक्रमित रक्त या रक्त उत्पादों का इस्तेमाल न करें। – गर्भवती महिलाओं को HIV टेस्ट करवाना चाहिए। – HIV संक्रमित मां को स्तनपान नहीं कराना चाहिए।
HIV AIDS का कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) वायरस को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। ART लेने से HIV संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है और एड्स विकसित होने से बचा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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