वेइल कॉर्नेल मेडिसिन के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक प्रीक्लिनिकल शोध के अनुसार, महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन महिलाओं के शराब सेवन की प्रवृत्ति को कंट्रोल करता है।
High Estrogen Levels And Alcohol: अधिकांश अध्ययन पुरुषों पर
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विश्वविद्यालय में फार्माकोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक डॉ. क्रिस्टन प्लील ने बताया कि महिलाओं में शराब पीने के पीछे के कारणों के बारे में हमारी जानकारी सीमित है, क्योंकि अधिकांश शोध पुरुषों पर केंद्रित रहे हैं। विशेषज्ञ ने बताया कि कई शोधों से यह स्पष्ट होता है कि शराब का सेवन करने की आदत शराब के नकारात्मक प्रभावों को और बढ़ा देती है। उन्होंने यह भी कहा कि इन निष्कर्षों के आधार पर महिलाओं में अल्कोहल (High Estrogen Levels And Alcohol) उपयोग विकार के उपचार के लिए नए उपायों की खोज की जा सकती है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अलग तरह से असर करती है शराब
विशेषज्ञों का कहना है कि शराब का प्रभाव महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में भिन्न होता है। महिलाओं में शराब के सेवन से लीवर के खराब होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, कम मात्रा में शराब पीने से भी अल्कोहलिक लीवर रोग और मोटापे जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस प्रकार, नियमित रूप से अधिक शराब का सेवन करने से लीवर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।एस्ट्रोजन बढ़ने पर चूहों ने शराब का ज्यादा सेवन किया
डॉ. क्रिस्टन प्लील ने कहा, “जब एक महिला शराब की बोतल से पहला घूंट लेती है, तो उसके न्यूरॉन्स असंतुलित हो जाते हैं। यदि वह उच्च एस्ट्रोजन स्तर (High Estrogen Levels And Alcohol) में है, तो यह असंतुलन और भी बढ़ जाता है।” उन्होंने अपने अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर बताया कि अतिरिक्त न्यूरल गतिविधि का प्रभाव चूहों पर स्पष्ट रूप से देखा गया। यह स्पष्ट हुआ कि जब एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, तो चूहों ने शराब का अत्यधिक सेवन किया। विशेष रूप से, यह प्रवृत्ति शराब के सेवन के पहले 30 मिनट के भीतर स्पष्ट रूप से देखी गई।शराब पीने से होने वाली समस्याएं
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन ऐल्कॉहॉल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर के अनुसार, शराब के सेवन से अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिनमें लीवर की बीमारियाँ और कैंसर शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019 में शराब के कारण हुई 26 लाख मौतों में से 16 लाख मौतें कैंसर (401,000) और हृदय रोग (474,000) के कारण हुईं। इसके अलावा, 724,000 मौतें दुर्घटनाओं के कारण हुईं, जबकि तीन लाख मौतें संक्रामक बीमारियों के कारण हुईं। शराब का सबसे अधिक प्रभाव 20 से 39 वर्ष के युवाओं पर पड़ रहा है, जिसमें इस आयु वर्ग के 13 प्रतिशत लोग शराब के शिकार हैं। इनमें से अधिकांश मौतें पुरुषों में पाई गईं। यह भी पढ़ें