डॉ. देवेन्द्र श्रीमाल, डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने बताया कि हाइपरटेंशन (Hypertension) का असर हमारे हृदय पर बहुत ही घातक रूप में होता है और ऐसे में हमें बहुत सावधानियां बरतने की जरूरत है। हाइपरटेंशन (Hypertension) को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि इसके कोई सटीक लक्षण नहीं होते हैं लेकिन कुछ लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसे कि – सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, सीने में दर्द , सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना, नाक से खून आना। इससे बचाव के लिए समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर (Blood pressure) चेक करें, वजन को नियंत्रण में रखें, नियमित रूप से व्यायाम करें, खाने में नमक का सेवन कम करें, तनाव कम ले, खाने में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन ज्यादा करें,धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इसके साथ ही यदि किसी भी प्रकार के हाइपरटेंशन से जुड़े गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. विनोद पुनिया, सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट एंड इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिस्ट, ने बताया कि प्राथमिक हाइपरटेंशन (Hypertension) बिना किसी सटीक कारण के, उम्र बढ़ने के साथ विकसित होता है लेकिन सेकेंडरी हाइपरटेंशन कम उम्र में होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक नमक का सेवन करना, धूम्रपान करना, मधुमेह, मोटापा, गुर्दा रोग, थायरॉयड समस्याएं, मानसिक तनाव, नींद की कमी और अनुचित खान-पान। हाई ब्लड प्रेशर से हृदय रोग, स्ट्रोक, डिमेंशिया और किडनी की बीमारी जैसी और अन्य बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है। हाइपरटेंशन एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह प्रबंधनीय है, अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखें