गलसुआ क्या है? What is mumps? गलसुआ (Mumps) एक वायरल संक्रमण है जो पैरामिक्सोवायरस नाम के वायरस की वजह से होता है। ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के नाक या मुंह से निकलने वाली बूंदों के जरिए हवा में फैल सकता है या सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है. आमतौर पर ये 5 से 9 साल के बच्चों में होता है, लेकिन बड़े बच्चे और वयस्क भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
गलसुआ के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of mumps? गलसुआ (Mumps) से संक्रमित होने के दो से चार हफ्ते बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें सबसे आम लक्षण है गालों में सूजन आना। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, भूख न लगना, चेहरे, जबड़े या कान के आसपास दर्द, और खाते या निगलते समय तकलीफ होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
बच्चों को गलसुआ से कैसे बचाएं? How to protect children from mumps? बच्चों को गलसुआ (Mumps) से बचाने के लिए सबसे जरूरी है टीकाकरण। एमएमआर का टीका गलसुआ से बचाव करता है। बच्चों को दो खुराक लगवाना जरूरी है। पहली खुराक 12-15 महीने की उम्र में और दूसरी खुराक 4-6 साल की उम्र में लगनी चाहिए। बड़े हो चुके लोगों को भी अगर बचपन में टीका नहीं लगा हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर टीका लगवा लेना चाहिए।
इसके अलावा साफ-सफाई का ध्यान रखना, मास्क पहनना, खासकर बीमार होने पर यात्रा से बचना और हाथ धोना जैसी सावधानी भी गलसुआ से बचाव में मदद करती हैं। अगर गलसुआ हो जाए तो क्या करें? What to do if you get mumps?
गलसुआ (Mumps) का कोई खास इलाज नहीं है, लेकिन ज्यादातर लोग 3 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। अगर आपके बच्चे में गलसुआ (Mumps) के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर दर्द निवारक दवाएं दे सकते हैं। साथ ही आराम करना, खूब सारा तरल पदार्थ पीना, नरम खाना और सूजन वाली जगह पर गर्म या ठंडा सेंप लगाने से भी आराम मिल सकता है।