पटना। बिहार टॉपर घोटाले में चल रही जांच में एक से एक चौकाने वाले खुलासे होते रहते हैं। अब इस मामले में नया घोटाला सामने आया है जिसमें पता चला है कि घोटाले का मुख्य आरोपी लालकेश्वर प्रसाद सिंह के कार्यकाल में कई ऐसे कॉलेजों को मान्यता/संबंद्धता दे दी गई जो गैराज में चल रहे थे।
बड़े पैमाने पर हुई है गड़बड़ी
बिहार शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने गुरुवार को कहा कि बोर्ड से संबद्धता प्राप्त 213 कॉलेजों में से 158 की जांच हो चुकी है।
कॉलेजों को संबद्धता देने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि कुछ कॉलेज गैराज में भी चलते मिले हैं। किशोर के मुताबिक अभी रिपोर्ट का पूरा अध्ययन नहीं किया है, इसलिए यह साफ नहीं हो सका है कि कितने व कौन-कौन से कॉलेजों ने ऐसे संबद्धता प्राप्त की। लोगों ने भी शिकायतें की थीं। सभी डीएम को 13 जुलाई को बोर्ड ने जांच के लिए पत्र लिखा था। जांच में यह खुलासा हुआ है। 55 कॉलेजों की जांच अभी बाकी है।
कॉलेजों की मान्यता होगी निलंबित
जून 2014 से 2016 के बीच अलग-अलग जिलों में इन कॉलेजों को संबद्धता दी गई। 20 अगस्त तक सभी जिलों से रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। बीएसईबी अध्यक्ष ने बताया कि इन कॉलेजों से शोकॉज जारी कर पूछा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबद्धता रद्द कर दी जाएगी। इनमें गया के सबसे अधिक 32, छपरा के 23, वैशाली के 21, नालंदा के 4 कॉलेजों की जांच की जा रही है। बाकी जिलों के कॉलेजों में भी जांच हो रही है।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि जहां से गलत रिपोर्ट जमा की गई होगी, वहां के सदस्यों पर जरूर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि 20 कमरे का कॉलेज अगर 4 कमरों में चल रहा है, फिर भी समिति ने रिपोर्ट जमा कर दी कि कॉलेज में 20 कमरे हैं तो उनपर गाज गिरेगी।
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