1. ऊर्जावान बनाए व एसिडिटी दूर करे
भोजन के पाचन के लिए हमारा पेट जो एंजाइम बनाता है वह अम्लीय प्रकृति के होते हैं। तो जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो पेट में एसिड बनने लगता है, जिससे पेट खराब हो जाता है। जल में कुछ ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल कर उसे ऊर्जावान बनाए रखते हैं। इसलिए हमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर स्वयं को हाइड्रेट रखना चाहिए।
2. सिरदर्द में राहत
कभी-कभी सिर दर्द का कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में करीबन 90% लोगों को निर्जलीकरण के कारण सिर दर्द होता है। हम में से बहुत से लोग छोटे-मोटे सिर दर्द से बचने के लिए बार-बार दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि अत्यधिक दवाओं के सेवन से आपकी किडनी पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए दवाओं के बजाए नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीकर हम स्वयं को सिर दर्द या अन्य कई बीमारियों से बचा सकते हैं।
3. जोड़ों को रखे दुरूस्त
आपको बता दें कि प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर हम जोड़ों को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। क्योंकि जोड़ों के लिए आवश्यक लुब्रिकेशन की जरूरत को पानी के द्वारा पूरा किया जा सकता है। पानी पीने से हमारे जॉइंट्स चिकने बने रहते हैं, जिससे उन्हें कार्य करने में आसानी होती है। इसके अलावा जोड़ों के बीच की चिकनाहट नमी के कारण ज्यादा उम्र तक बनी रहती है।
4. मेटाबॉलिज्म बढाए
आजकल हम भागदौड़ या स्वाद के चक्कर में कुछ ना कुछ बाहर का उल्टा-सीधा खाते रहते हैं। जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं। लेकिन अगर हम पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो यह सब गंदगियां शरीर से निकल जाती हैं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन के कारण शरीर की कार्य क्षमता में कमी आती है और हम जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं। साथ ही मेटाबॉलिज्म में भी घटने लगता है। इसलिए हमारे शरीर की चयापचय क्रियाओं को सही रखने के लिए पानी पीना आवश्यक है।
5. जवां त्वचा का राज
जिस प्रकार पौधे को पानी ना मिलने पर वह मुरझा जाता है। उसी प्रकार पानी की कमी से त्वचा रूखी-सूखी एवं बेजान हो जाती है। जब हम पानी पीते हैं तो यह त्वचा के ऊतकों को फिर से भरकर त्वचा को प्राकृतिक नमी और लचीलापन प्रदान करता है। एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीकर हम 10 वर्ष ज्यादा खूबसूरत और जवान दिख सकते हैं।
6. अस्थमा का इलाज
जलवाष्प की कमी होने पर हमारे फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं। इस कारण अस्थमा के अटैक की संभावना भी बढ़ जाती है क्योंकि फेफड़ों में म्यूकस बनता है। विशेषज्ञों की मानें तो, अस्थमा के रोगियों को रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए।