1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
आजकल के खानपान, लगातार बदलते मौसम तथा व्यस्त जीवन शैली का प्रभाव हमारे इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। सहजन तथा इसकी स्वस्थ हरी पत्तियां हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए सहायक होती हैं। साथ ही बुखार में सहजन का सेवन करने से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
2. रक्त शुद्धि करता है
सहजन विषाक्त पदार्थों को रक्त से निष्कासित करके रक्त को शुद्ध करने के साथ हमारे अंगों को बेहतर ढंग से कार्य करने में मदद करता है। ड्रमस्टिक एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक एजेंट है, जिसके नियमित रूप से सेवन करने से हमारे शरीर में रक्त संचार को बेहतर करने में मदद मिल सकती है।
3. मोटापे की समस्या में
मोटापे या बढ़ते वजन की समस्या से निजात पाने के लिए अपने आहार पर ध्यान देना काफी जरूरी है। इसके लिए अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन एक अच्छा विकल्प हो सकता है और उन्हीं हरी सब्जियों की सूची में सहजन की फली या पत्तियों को शामिल करके आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। दरअसल, सहजन में क्लोरोजेनिक एसिड मौजूद होने के कारण इसमें एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सहजन को आप एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ के रूप में अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
4. मधुमेह के लिए
सहजन की फलियों के साथ इसकी छाल और अन्य भागों में भी एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो मधुमेह के मरीजों के लिए गुणकारी साबित हो सकते हैं। इसलिए सहजन के सेवन से मधुमेह के स्तर को कम किया जा सकता है। अगर आपको सहजन का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप चिकित्सक की सलाह से सहजन की पत्तियों की टैबलेट भी ले सकते हैं। क्योंकि टैबलेट में भी एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं।
5. एनीमिया में राहत
खून की कमी को दूर करने के लिए भी सहजन के लाभों को देखा जा सकता है। सहजन की छाल अथवा इसकी पत्तियों का सेवन एनीमिया में राहत दिलाने यानी लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से बचाव के लिए भी किया जा सकता है। इसकी पत्तियों के एथनोलिक एक्सट्रैक्ट में एंटी-एनीमिया गुण उपस्थित होते हैं। इसलिए सहजन के सेवन से हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार किया जा सकता है, जिससे रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद मिल सकती है।