माइग्रेन सिरदर्द दो प्रकार के होते हैं – प्राइमरी और सेकेंडरी। सेकेंडरी माइग्रेन अन्य बीमारियों से जुड़ा होता है, जबकि सबसे ज्यादा प्राइमरी माइग्रेन ही होता है। ये एक प्रोटोटाइप सिरदर्द होता है और इसे माइग्रेन के रूप में जाना जाता है।
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Young people are most at risk युवाओं में होता है सबसे ज्यादा खतरा
20-40 के लोगों में माइग्रेन सबसे ज्यादा पाया जाता है। खास कर महिलाओं में होता है। एस्ट्रोजन के स्तर में असंतुलन के कारण महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक माइग्रेन होता है।
माइग्रेन की शुरुआत के पीछे कई कारण और फूड्स जिम्मेदार हो सकते हैं। एसिडटी, तनाव, मोटापा, नींद की कमी या अधिकता, तंत्रिका संबंधी कारण, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, बहुत अधिक गैजेट्स का यूज, महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन और आनुवंशिक कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
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It is important to identify the trigger of migraine माइग्रेन के ट्रिगर को पहचानना जरूरी
माइग्रेन होने की वजह कई बार हमारे खानपान और आसपास के कंडीशन से भी जुड़ी होती है। महीने में अगर आपको 8-15 दिन सिरदर्द रहता है तो आपको यह ध्यान देना होगा कि आपके सिर दर्द का कारण क्या है। कॉफीख् चॉकलेट, पनीर, चीज, मशरूम, प्रॉसेसेड फूड, खमीर वाले खाने, गरिष्ठ भोजन, नींद की कमी या अधिकता, बहुत गर्मी या ठंडक आदि ये सब माइग्रेन को बढ़ाते हैं। वहीं, कुछ दवाएं भी माइग्रेन का कारण होती हैं।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।