स्वास्थ्य

आठ साल की बच्ची के पेट से न‍िकला क्रिकेट की गेंद से भी बड़ा बालों का गुच्छा

Hairball Removed from Young Girl’s Stomach : बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में डॉक्टरों ने आठ साल की एक बच्ची के पेट से क्रिकेट की गेंद से बड़े आकार में बालों का गुच्छा निकाला।

बैंगलोरAug 30, 2024 / 03:22 pm

Manoj Kumar

Hairball the Size of a Cricket Ball Removed from 8-Year-Old Girl’s Stomach in Bengaluru

Hairball Removed from Young Girl’s Stomach : बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में डॉक्टरों ने आठ साल की एक बच्ची के पेट से क्रिकेट की गेंद से बड़े आकार में बालों का गुच्छा निकाला।

क्या है ट्राइकोफेगिया और रैपुंजल सिंड्रोम?

अदिति (बदला हुआ नाम) नाम की लड़की को ट्राइकोफेगिया नाम की दुर्लभ बीमारी है। इसमें व्यक्ति को बाल खाने की आदत होती है। इसे रैपुंजल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है।

दो साल से भूख न लगना और उल्टी करना था समस्या

दो वर्षों से उसकी भूख न लगने और बार-बार उल्टी होने की समस्या से उसके माता-पिता हैरान थे। वे बच्ची की इस समस्या के लिए उसे डॉक्टरों के पास ले गए।
उन्होंने अदिति की स्थिति को गैस्ट्राइटिस (पेट से जुड़ी समस्याएं) समझ कर दवाएं दी, लेक‍िन कोई फायदा नहीं हुआ।

बेंगलुरु के एस्टर चिल्ड्रन एंड वुमन अस्पताल के डॉक्टरों ने पाया कि उसे ट्राइकोबीजोर से पीड़ि‍त पाया। यह पेट में जमा हुए बालों से संबंधित बीमारी को इंगित करता है।

डॉक्टरों ने कैसे की बीमारी की पहचान?

पीडियाट्रिक सर्जरी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मंजरी सोमाशेखर ने बताया, ” ट्राइकोबीजोर एक दुर्लभ बीमारी है, जो इतनी छोटी उम्र में बच्ची को होना बहुत ही असामान्य है। यह आमतौर पर ट्राइकोफैगिया के साथ जुड़ी होती है, जो एक मनोवैज्ञानिक विकार होता है। इसमें व्यक्ति बालों को खाता है। यह सामान्यतः किशोर लड़कियों में देखा जाता है।”
अदिति की लेप्रोटोमी नाम की एक ओपन सर्जरी करनी पड़ी, क्योंकि बालों का गुच्छा बहुत बड़ा और चिपचिपा था और एंडोस्कोपी के लिए बहुत जटिल स्थिति थी।

डॉक्टरों के मुताबिक दो घंटे पचास मिनट की सर्जरी के बाद ऑपरेशन सफल रहा।
यदि बीमारी का जल्दी इलाज नहीं होता, तो कुपोषण, एनीमिया और पेट से खून बहने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती थीं।

सर्जरी के बाद की देखभाल और इलाज

सर्जरी के बाद, अदिति को एक विशेष डाइट पर रखा गया है ताकि उसका स्वास्थ्य जल्द से जल्द सुधर सके। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर सर्जरी नहीं होती, तो अदिति को कुपोषण, एनीमिया और पेट से खून बहने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती थीं।
इस दुर्लभ घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि बच्चों की किसी भी स्वास्थ्य समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अदिति के माता-पिता की सजगता और डॉक्टरों की तत्परता ने मिलकर उसकी जान बचाई।
–आईएएनएस

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