आंत खराब होने पर मल में दिखने वाले बदलाव : Changes in stool due to intestinal upset
मल के रंग में बदलाव मल का रंग हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से प्रभावित होता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में मल के रंग में परिवर्तन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, काला मल आंतरिक रक्तस्राव का संकेत दे सकता है, जबकि पीला मल पित्ताशय या यकृत से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है। मल का पतला होना दस्त या पानी जैसा मल आंतों में संक्रमण, (Gut Upset Symptoms) खाद्य एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। यदि दस्त 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है।
Gut Upset Symptoms : मल में बलगम
मल में हल्का बलगम होना सामान्य बात है। हालांकि, यदि आपको अधिक मात्रा में बलगम दिखाई दे रहा है, तो यह सूजन आंत्र रोग (IBD) या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। मल में खून का आना मल में रक्त का होना (Gut Upset Symptoms) आंतों में अल्सर, फिशर या कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। यदि आपको मल में रक्त दिखाई दे, तो डॉक्टर से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।
बचाव उपाय : Gut Upset Symptoms
- रोजाना ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है।
- चीनी और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- नियमित व्यायाम करने से शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकता है।
- तनाव को कम करने के लिए प्रतिदिन योग और ध्यान करना लाभकारी होता है।
- प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही, सौकरकूट या अन्य पूरक आहार का सेवन किया जा सकता है।
- धूम्रपान आंतों को हानि पहुंचा सकता है और पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है।
- अधिक शराब का सेवन भी आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है और पाचन समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।