Good News for Diabetics : मधुमेह के दो प्रकार Two types of diabetes
मधुमेह दो प्रकार का होता है: टाइप 1 मधुमेह Type 1 diabetes : इस प्रकार में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता। यह समस्या आमतौर पर बचपन से शुरू होती है। टाइप 2 मधुमेह Type 2 Diabetes : इस प्रकार में शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जिससे ज्यादा मात्रा में इंसुलिन की जरूरत होती है। यह भी पढ़ें : Karisma Kapoor weight loss : करिश्मा कपूर ने 25 किलो वजन कैसे घटाया, जानिए उनके आसान डाइट टिप्स
इंसुलिन पर निर्भरता और जोखिम
मधुमेह (Diabetics) के दोनों प्रकारों में मरीजों को कृत्रिम इंसुलिन का सेवन करना पड़ता है। हालांकि, इसका एक बड़ा जोखिम यह है कि रक्त में शुगर का स्तर स्थिर नहीं होता है। यदि शरीर में ज्यादा इंसुलिन हो जाए तो शुगर का स्तर अत्यधिक कम हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए, मरीजों को निरंतर अपने ब्लड शुगर की निगरानी करनी पड़ती है और इंसुलिन की खुराक को समायोजित करना पड़ता है।स्मार्ट इंसुलिन का विकास Development of smart insulin
विज्ञान ने अब एक नई उम्मीद दी है। शोधकर्ताओं ने “(Smart insulin)” नामक एक नई इंसुलिन विकसित की है जो ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर खुद को सक्रिय या निष्क्रिय करती है। इसे NNC2215 नाम दिया गया है। यह इंसुलिन ग्लूकोज के स्तर में परिवर्तन को पहचान कर अपने रूप में बदलाव करती है।स्मार्ट इंसुलिन की कार्यप्रणाली How Smart Insulin Works
NNC2215 इंसुलिन में दो हिस्से होते हैं – एक रिंग जैसी संरचना और एक ग्लूकोज जैसे आकार का अणु जिसे ग्लूकोसाइड कहा जाता है। जब ब्लड शुगर का स्तर कम होता है, तो यह ग्लूकोसाइड रिंग से बंध जाता है और इंसुलिन को निष्क्रिय रखता है। लेकिन जब ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है, तो ग्लूकोसाइड की जगह ग्लूकोज आ जाता है, जिससे इंसुलिन सक्रिय हो जाता है और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित होता है।शोध का परिणाम और आगे की योजना
शोधकर्ताओं ने चूहों और सूअरों में NNC2215 इंसुलिन की प्रभावशीलता की जांच की और पाया कि यह इंसान के इंसुलिन की तरह ब्लड शुगर को कम करने में सक्षम है। अब इस इंसुलिन का परीक्षण इंसानों पर किया जाएगा।चुनौती और सुधार
हालांकि यह इंसुलिन एक बड़ी सफलता है, लेकिन अभी इसमें कुछ चुनौतियां हैं। NNC2215 का असर अचानक और तीव्र होता है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य इसे और अधिक सहज और धीमी गति से सक्रिय होने वाला बनाना है, ताकि इंसुलिन का स्तर धीरे-धीरे बढ़े और यह ब्लड शुगर पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करे। यह भी पढ़ें : दिल की सेहत के लिए जरूरी हैं ये 5 व्यायाम
भविष्य की उम्मीद
इस शोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, डायबिटीज यूके की रिसर्च डायरेक्टर डॉ. एलिज़ाबेथ रॉबर्टसन ने कहा, “यह शोध मधुमेह (Diabetics) से पीड़ित लाखों लोगों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद जगाता है।” स्मार्ट इंसुलिन (Smart insulin) का विकास मधुमेह (Diabetics) के उपचार में एक बड़ा कदम हो सकता है। यदि यह तकनीक सफल होती है, तो यह मधुमेह रोगियों के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।