स्वास्थ्य

Gallbladder Stones: स्पाई कोलांजियोस्कोपी तकनीक से सफलतापूर्वक निकाली गई बड़ी पथरी

Gallbladder Stones कई महीनों से जटिल पीलिया से ग्रस्त जितेंद्र (परिवर्तित नाम) की मुश्किलें तब बढ़ गई, जब उन्हें पित्त की नली में एक बड़ी पथरी (Gallbladder Stones) का पता चला, जो पित्त के प्रवाह को रोक रही थी।

जयपुरJul 14, 2024 / 12:21 pm

Manoj Kumar

Advanced Technique for Gallbladder Stone Treatment

Gallbladder Stones कई महीनों से जटिल पीलिया से ग्रस्त जितेंद्र (परिवर्तित नाम) की मुश्किलें तब बढ़ गई, जब उन्हें पित्त की नली में एक बड़ी पथरी (Gallbladder Stones) का पता चला, जो पित्त के प्रवाह को रोक रही थी। सब जगह ऑपरेशन की सलाह मिलने के बाद उन्हें एसआर कल्ला मेमोरियल हॉस्पिटल में राहत मिली। जहां सीनियर गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कल्ला ने स्पाई कोलांजियोस्कोपी तकनीक (Cholangioscopy Technique) की मदद से बिना किसी चीर-फाड़ के पथरी निकाल दी।
डॉ. मुकेश कल्ला ने बताया कि मरीज की पित्त की नली में बड़ी पथरी होने के कारण वह पित्त के प्रभाव में रुकावट उत्पन्न कर रही थी। इससे उनके शरीर में पित्त का जमाव हो रहा था और उन्हें गंभीर पीलिया हो गया था। नई तकनीक में स्पाई कोलांजियोस्कोप (Cholangioscopy Technique) का उपयोग किया गया, जिससे पित्त की नली की पूरी जांच की जाती है। इस विधि के माध्यम से लेजर का उपयोग करके पथरी को तोड़ दिया गया और पित्त की नली में उत्पन्न अवरोध को हटा दिया गया।

पित्त की थैली में पथरी बनने के मुख्य कारण: The main reasons for the formation of stones in the gallbladder:

1. पित्त में कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना:

  • पित्त में कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना पित्त पथरी बनने का मुख्य कारण है।
  • जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज़्यादा हो जाता है, तो यह क्रिस्टल बनकर जम जाता है और समय के साथ पथरी का रूप ले लेता है।
2. पित्तशय की थैली में पित्त का ठहराव:
  • यदि पित्तशय की थैली पूरी तरह से खाली नहीं होती है या पित्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, तो पित्त गाढ़ा हो सकता है और पथरी बन सकती है।
3. अन्य कारक:

  • कुछ अन्य कारक भी पित्त पथरी के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जैसे:
    • मोटापा: मोटे लोगों में पित्त पथरी होने का खतरा ज़्यादा होता है।
    • मधुमेह: मधुमेह वाले लोगों में भी पित्त पथरी होने का खतरा ज़्यादा होता है।
    • वंशानुगत: यदि आपके परिवार में किसी को पित्त पथरी हुई है, तो आपको भी इसका खतरा ज़्यादा होता है।
    • स्त्री: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में पित्त पथरी होने का खतरा ज़्यादा होता है।
    • गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में भी पित्त पथरी होने का खतरा ज़्यादा होता है।
    • तेज़ वज़न कम होना: यदि आप बहुत तेज़ी से वज़न कम करते हैं, तो आपको पित्त पथरी होने का खतरा ज़्यादा हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी लोगों में उपरोक्त सभी जोखिम कारक नहीं होते हैं, फिर भी पित्त पथरी हो सकती है।

पित्त की थैली पथरी के लक्षण: Symptoms of gall bladder stones

  • पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द
  • मतली और उल्टी
  • पेट में सूजन
  • गैस
  • अपच
  • बुखार
  • पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
यदि आपको पित्त पथरी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

पित्त पथरी के उपचार: Treatments for gallstones:

पित्त पथरी के उपचार के कई तरीके उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
  • ईआरसीपी (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलंगियोपैनक्रिएटोग्राफी): यह एक प्रक्रिया है जिसमें पित्त नली से पथरी को हटाने के लिए एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है।
  • लैप्रोस्कोपिक पित्ताशय की थैली हटाना: यह एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें पित्ताशय की थैली को छोटे चीरों के माध्यम से हटा दिया जाता है।
  • ओपन पित्ताशय की थैली हटाना: यह एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें पित्ताशय की थैली को पेट में एक बड़े चीरे के माध्यम से हटा दिया जाता है।
आपके लिए कौन सा उपचार सबसे अच्छा है, यह आपके डॉक्टर आपके पित्त पथरी के आकार, स्थान और आपके समग्र स्वास्थ्य के आधार पर तय करेंगे।

पित्त की थैली पथरी से बचाव: Prevention of gall bladder stones:

  • स्वस्थ आहार खाएं जो कम वसा और कम कोलेस्ट्रॉल वाला हो।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • यदि आप अधिक वजन वाले हैं, तो वजन कम करें।
  • यदि आपको मधुमेह है, तो इसे नियंत्रित रखें।
  • धूम्रपान न करें।
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको पित्त पथरी या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।

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